शिमला। ड्राइवर का बेटा अब हिमाचल प्रदेश की सरकार चलाएगा। सुखविंद्र सिंह सुक्खू शिमला स्थित जिस राज्य सचिवालय से प्रदेश की कमान संभालेंगे, उसी सचिवालय में इनके पिता रसील सिंह बतौर चालक सेवाएं देते थे। वह 1:30 बजे रिज मैदान ने सीएम पद की शपथ लेंगे। 1966-67 में सुक्खू के पिता रसील सिंह एचजीटी (हिमाचल गवर्नमेंट ट्रांसपोर्ट) में बतौर चालक सेवाएं दे रहे थे। इस समय एचआरटीसी का गठन नहीं हुआ था। एचजीटी बसों के संचालन के साथ सचिवालय जीएडी को मंत्रियों और अधिकारियों के लिए कारें भी उपलब्ध करवाता था। रसील सिंह एचजीटी की बसों के अलावा कारों में भी सेवाएं देते थे। सचिवालय में तैनात डिप्टी मिनिस्टर को एचजीटी प्रबंधन की ओर से उपलब्ध करवाई गई गाड़ी में रसील सिंह को बतौर चालक तैनाती दी गई। इस दौरान शिमला में एचजीटी का ढली डिपो होता था। 1974 में एचजीटी का एचआरटीसी में विलय कर दिया गया। 1966-67 में ढली डिपो में बतौर उप निरीक्षक तैनात फागू शिमला के रोशन लाल ने पुरानी यादें ताजा करते हुए अमर उजाला को बताया कि रसील सिंह कुशल चालक थे। बसों के साथ कारों को चलाने में भी उनकी महारत थी। उस समय गिने चुने लोग ही चालक हुआ करते थे और ऐसे चालक जो लाइट और हैवी व्हीकल दोनों चलाए उनकी विशेष मांग रहती थी। छोटा शिमला में रसील सिंह को सरकारी आवास मिला हुआ था। उस समय रसील सिंह के बच्चे बहुत छोटे थे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अधिकांश समय अपनी आल्टो में ही घूमते हैं। विधानसभा सदन में हर बार सुक्खू आल्टो कार से ही आते रहे हैं हालांकि इनके पास एक स्कार्पियो गाड़ी भी है लेकिन उसमें इन्हें कम देखा गया है। चल संपत्ति के तौर पर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के पास 5.50 लाख रुपये और पत्नी कमलेश ठाकुर के पास 20.70 लाख रुपये हैं। अचल संपत्ति के तौर पर सुक्खू के पास 5.26 करोड़ रुपये, पत्नी कमलेश ठाकुर के पास 1.98 करोड़ रुपये हैं। नादौन के अलावा चंडीगढ़ और शिमला में इनका घर है। बद्दी में प्लॉट है। बैंक में जमा राशि के तौर पर सुक्खू के पास चार लाख रुपये और पत्नी के पास 14 लाख रुपये हैं। प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में सुखविंद्र सुक्खू के नाम की घोषणा के बाद एचआरटीसी कर्मियों को हर महीने नियमित रूप से वेतन मिलने की आस जगी है। निगम कर्मियों का कहना है कि सुक्खू एचआरटीसी कर्मी के बेटे हैं, इसलिए निगम कर्मियों का दर्द जरूर समझेंगे। पिछले कुछ सालों से निगम कर्मियों को हर माह पहली तारीख को वेतन नहीं मिल पाता। हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के सचिव खेमेंद्र गुप्ता ने बताया कि एचआरटीसी कर्मियों को दिन रात सेवाएं देने के बाद भी समय पर वेतन और भत्ते नहीं मिल रहे।