पहली से फिर करवट लेगा मौसम, भूस्खलन से तीन एनएच समेत 270 सड़कें बंद

शिमला, 30 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में बुधवार को लगातार दूसरे दिन धूप खिलने से मौसम खुशगवार रहा। राज्य के मैदानी भागों में मौसम खुलने से तापमान में बढ़ोतरी हुई और लोगों को उमस का सामना करना पड़ा। हालांकि मौसम विभाग ने पहली सितम्बर से एक बार फिर मौसम के करवट लेने की संभावना जताई है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि अगले 24 घण्टों के दौरान यानी 31 अगस्त को भी पूरे राज्य में मौसम साफ रहेगा। लेकिन इसके बाद मौसम फिर करवट लेगा। पहली व पांच सितंबर को मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में गरज के साथ बारिश होगी। हालांकि इस अवधि में भारी बारिश का कोई अलर्ट नहीं रहेगा।

बीते 24 घण्टों के दौरान राज्य में भारी वर्षा में काफी कमी आई है। इस अवधि में शिमला जिला के खदराला में 8.6 मिमी और कांगड़ा के घमरूर में 1.6 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है।

राजधानी शिमला के अधितकतम तापमान में पिछले कल की तुलना में हल्का उछाल आया और 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चम्बा में अधिकतम तापमान 33.5, सुंदरनगर में 32.9, कांगड़ा में 31.9, बिलासपुर में 34, धौलाकुआं में 33.7, भुंतर में 32.5 और धर्मशाला में 28 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

राहत की बात यह है कि मौसम खुलने से आपदा प्रभावित इलाकों में अस्त-व्यस्त जनजीवन को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में अभी भी भूस्खलन से कई सड़कें बंद हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार शाम तक राज्य में तीन नेशनल हाइवे समेत 270 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी ज़ोन में 118, शिमला ज़ोन में 63, हमीरपुर ज़ोन में 55 और कांगड़ा ज़ोन में
31 सड़कें बंद रहीं। एनएच के शिमला ज़ोन में एनएच 105 व एनएच 305 औऱ शाहपुर ज़ोन में एनएच-03 बाधित रहा। इसके अलावा राज्य भर में 86 ट्रांसफार्मर और 27 पेयजल स्कीमें बंद रहीं।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी वर्षा, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से भारी नुकसान हुआ है। बीते 24 घण्टों के दौरान वर्षा जनित हादसों में पांच लोगों की जान गई है। मानसून सीजन में अब तक वर्षा से जुड़े हादसों में 386 लोगों की जान गई है और 38 लापता हैं। 363 लोग घायल हुए हैं। भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से 143 लोग मारे गए हैं। जबकि अन्य वर्षा जनित हादसों में 243 लोगों की मौत हुई। मानसून सीजन में 2493 मकान, 314 दुकानें और 5582 पशुशालाएं पूरी तरह धराशायी हूईं। जबकि 10751 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। बीते दो महीने में राज्य के 162 स्थानों पर भूस्खलन हुआ और 72 स्थानों पर बाढ़ आया। मानसून सीजन में प्रदेश के सरकारी विभागों को 8655 करोड़ का नुकसान आंका गया है।

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