शिमला, 21 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शिमला में चल रहे मानसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार ने चार विधेयक पेश किए इसमें हिमाचल में नगर निगम कर्मचारियों व अधिकारियों का स्टेट काडर करने संबंधी विधेयक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पेश किया। इससे पहले विधानसभा के सत्र में न होने की वजह से सरकार निगम कर्मचारियों का स्टेट काडर बनाने बारे अध्यादेश लाया गया था। संशोधन विधेयक के पेश होने के बाद अध्यादेश निरस्त हो गया है।
नगर निगम सेवाएं संशोधन विधेयक को प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले एक मात्र शिमला नगर निगम ही था। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में सोलन, धर्मशाला, पालमपुर व मंडी नगर निगम भी हैं। लिहाजा नर निगम के कार्मिकों अधिकारियों का स्टेट काडर बनाना आवश्यक हो गया है।
विधेयक के पारित होने के बाद नगर निगमों में सेवारत 3 दर्जन से अधिक श्रेणियों के अधिकारियों व कार्मिकों का स्टेट काडर होगा। अर्थात इन्हें किसी भी नगर निगम में तबदील किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने सडक़ द्वारा कतिपय माल के वहन में कर की दरों में विषमता को खत्म करने के मकसद से कराधान संशोधन विधेयक 2023 सदन में पेश किया। संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश में सडक़ मार्ग पर चलने वाले वाहनों से ले जाए जाने वाले सामान पर एक समान दर से कर लगेगा। पहले 250 किमी से कम दूरी तय करने तथा 250 किमी से अधिक की दूरी तय करने पर कर की दर अलग-अलग थी। कर की दरें अलग होने पर सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। मगर संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद सरकार को अलर अलर कर दरों से होने वाले 2.35 करोड़ के राजस्व का नुकसान नहीं होगा।
विधानसभा में हिमाचल प्रदेश जीएसटी संशोधन विधेयक मुख्यमंत्री ने पेश किया। इसके तहत केंद्र द्वारा ऑन लाइन गेमिंग पर कर लगाने के मकसद से जीएसटी कानून में किए गए संशोधन की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने भी जीएसटी कानून में संशोधन किया है। इसके अलावा हिमाचल में 50 लाख से अधिक की संपत्ति की खरीद पर 8 फीसदी की दर से स्टांप ड्यूटी लगेगी। सरकार की तरफ से इससे संबंधित स्टांप ड्यूटी संशोधन विधेयक सदन में पेश किया।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अनुपस्थिति में उनके द्वारा अधिकृत शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने संशोधन विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। इसके अलावा सदन में दो विधेयक पारित भी किए। इसमें पहला विधेयक हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक, 2023 और दूसरा हिमाचल प्रदेश कृषि, औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक शामिल है। इस विधेयक के पारित करने पर विधायक रणधीर शर्मा और विपिन ङ्क्षसह परमार ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि यह विधेयक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति यानि राज्यपाल की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है तथा राजनीतिक हस्तक्षेप को बढ़ाने वाला है। सत्ता पक्ष की तरफ से सी.पी.एस. आशीष बुटेल ने विपक्ष की शंकाओं का निराधार बताया तथा कहा कि इससे विश्वविद्यालय की स्वायतता को किसी तरह की ठेस नहीं पहुंचेगी।