शिमला, 19 अक्टूबर। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार एक बहुत बड़े राहत पैकेज लाई है, जिसके बारे में वो गुणगान कर रही है। सुक्खू सरकार ने यह पैकेज 4500 करोड़ का रहा है पर बिना केंद्र की सहायता के बगैर बिना यह पैकेज लाना संभव नहीं था।
जयराम ठाकुर ने गुरुवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि हिमाचल सरकार के 4500 करोड़ के राहत पैकेज में केंद्र के दो हज़ार करोड़ शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने आंकड़ों का फेर बदल कर जो केंद्र सरकार की योजनाओं को अपने पैकेज में दिखाया है वह उनके लिए सही नहीं है। इस पैकेज के अंतर्गत 1000 करोड़ रु मनरेगा से खर्च किया जाएगा ,जो कि केंद्र की अधिकार क्षेत्र है, ना की प्रदेश सरकार का अधिकार क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि क्रेंद्र सरकार ने 6500 घर स्वीकृत किए हैं जो कि राजीव गाँधी आवास योजना के अंतर्गत है। इससे आपदा में जो लोगों को घरों को नुकसान हुआ है उसको काफी फायदा मिलेगा। जिसका बजट 100 करोड़ से ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को 364 करोड़ बार मिले और 190 करोड़ दूसरी बार मिले जो कि इस पैकेज का हिस्सा है। 225 करोड़ रू लोगो ने आपदा राहत कोष में अंशदान किया है, जो कि इस पैकेज का हिस्सा है। एनडीआरएफ में इस सरकार को काफी फंड मिला है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि एनडीआरएफ के अंतर्गत 403 करोड़ की राशि हिमाचल सरकार को मिली है। स्टेट डिजास्टर फंड के अंतर्गत 86 करोड़ के लगभग पैसा सरकार को मिला है। विधायक की विकास निधि का भी प्रयोग यह सरकार इस पैकेज के माध्यम से कर रही है। इसमें स्टेट बहुत बड़ा योगदान नहीं है। पर केंद्र ने जो है वो भरपूर जो सहायता की थी। उसी के मिश्रण से इस पैकेज को बनाया गया है। 2 हजार करोड़ से ज्यादा का जो योगदान इस राहत पैकेज के अंतर्गत है जो साफ झलकता है जिसका रिकॉर्ड हमारे पास उपलब्ध है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार इस पैकेज को लेकर पिक एंड चूज कर रही है। ब्लॉक स्तर राजनीतिक विशेष दलों के लोगों की सूची बन रही है और इस पैकेज का लाभ उन लोगों तक कैसे पहुंचे उनकी रणनीति तय की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राहत के लिए जो पात्र व्यक्ति हैं उन्ही व्यक्तियों को राहत मिलनी चाहिए और इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि आपदा में हमें नसीहत देने वाले खुद इसके ऊपर अमल नहीं कर रहे हैं। इस पैकेज को लेकर दलगत राजनीति कर रहे हैं।