शिमला, 23 अक्टूबर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत अधोसंरचना विकसित करने पर विशेष बल दिया जा रहा है तथा अनछुए पर्यटक स्थलों को सड़क सुविधा के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि पर्यटकों को आवाजाही की बेहतर सुविधा मिल सके। धर्मशाला के इंद्रूनाग टउ-चोला में सोमवार को 7.13 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले मैकलोडगंज-भागसूनाग-टउ चोला मार्ग के कार्य तथा 6.12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले हीरू दसालन-टमरू चोला मार्ग के कार्य का भूमि पूजन करने के उपरांत उन्होंने कहा कि इन मार्गों के निर्मित होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति ने हिमाचल को आलौकिक सौंदर्य से नवाज़ा है और हिमाचल की मनभावन वादियां देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करती हैं। कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार कारगर कदम उठा रही है। इस दिशा में विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
धर्मशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कन्वेंशन सेंटर, बनखंडी में जूलॉजिकल पार्क, नगरोटा बगवां में ओल्ड एज वेलनेस रिजॉर्ट एवं हाई एंड फाउंटेन, नरघोटा में प्रस्तावित टूरिज्म विलेज, आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक, परागपुर में गोल्फ कोर्स मैदान, धर्मशाला में धौलाधार बायोडायवर्सिटी पार्क, पालमपुर के मैंझा में वैडिंग रिजॉर्ट, हेलीपोर्ट निर्माण जैसी महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य शीघ्र शुरु किया जाएगा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण वन क्षेत्रों में 11 ईकोे-पर्यटन स्थल चिन्हित किए गए हैं। इनमें कांगड़ा जिला के पालमपुर वन मंडल में स्वार, सौरभ वन विहार, न्यूगल पार्क तथा बीड़-बिलिंग शामिल हैं। प्रत्येक ईकोे-पर्यटन स्थल एक हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होगा। आउटसोर्सिंग के माध्यम से विकसित व संचालित किए जाने वाले इन स्थलों के लिए आरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि ईकोे-पर्यटन को प्रोत्साहित करने से राज्य में पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और राजस्व में भी इजाफा होगा तथा प्रदेश में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इससे पहले लांयस क्लब तथा रोटरी क्लब धर्मशाला की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में एक-एक लाख का चेक भी भेंट किए।