हिमाचल में पिछले पांच साल में सेब की सबसे कम पैदावार, दो करोड़ पेटियों से नीचे सिमटा उत्पादन

शिमला, 30 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश में पिछले पांच वर्षों की तुलना में इस सीजन में सबसे कम सेब उत्पादन हुआ है। हिमाचल में वर्ष 2018 में 1.65 करोड़ पेटियों का उत्पादन हुआ था, इस बार भी उत्पादन लगभग दो करोड़ पेटियों के नीचे सिमटने की संभावना है। कृषि विपणन बोर्ड (एपीएमसी) के प्रबन्ध निदेशक हेमिश नेगी ने बताया कि अब तक 1.77 करोड़ सेब पेटियां राज्य के अंदर और बाहर भेजी  जा चुकी हैं। उन्होंने कहा किन्नौर समेत राज्य के ऊंचे इलाकों से सिर्फ कुछ लाख पेटियों के और आने की उम्मीद है। ऐसे में सेब सीजन के अंत तक दो करोड़ पेटियों के आसपास उत्पादन का अनुमान है। किन्नौर में सेब सीजन नवम्बर तक चलता है। जबकि अन्य सेब बाहुल्य इलाकों में सेब सीजन खत्म हो चुका है। 

बागबानी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 1.77 करोड़ पेटियों में से 8836528 सेब की पेटियां हिमाचल में कृषि विपणन बोर्ड (एपीएमसी) की मंडियों में बिकी है, जबकि 87 लाख 44 हज़ार 136 सेब की पेटियां बाहरी राज्यों की मंडियों और हिमाचल में एपीएमसी की मंडियों के बाहर बिकी है। 

राज्य में 2010 में अब तक का सबसे अधिक उत्पादन हुआ, जब पांच करोड़ से अधिक बक्सों का उत्पादन किया गया। पिछले 13 वर्षों में, राज्य ने केवल तीन बार- 2013, 2015, 2019 , 2021 और 2022 में पांच बार तीन करोड़ पेटियों का आंकड़ा पार किया। 

पिछले 13 वर्षों में सेब की पैदावार (पेटियां)

वर्ष 2022 में 3.36 करोड़ पेटियों का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2021 में 3.41 करोड़, वर्ष 2020 में 2.84 करोड़, वर्ष 2019 में 3.24 करोड़, वर्ष 2018 में 1.65 करोड़, वर्ष 2017 में 2.08 करोड़, वर्ष 2016 में 2.40 करोड़, वर्ष 2015 में 3.88 करोड़, वर्ष 2014 में 2.80 करोड़, वर्ष 2013 में 3.69 करोड़, वर्ष 2012 में 1.84 करोड़, वर्ष 2011 में 1.38 करोड़ और वर्ष 2010 में 5.11 करोड़ पेटियों का उत्पादन दर्ज किया गया था। 

इस बार कम पैदावार के बावजूद बागवानों को मिले बेहतर दाम

खास बात यह है कि कम फसल के बावजूद प्रदेश के बागबानों को इस बार अच्छे दाम मंडियों में मिले हैं। राज्य सरकार ने कम फसल के बावजूद इस वर्ष किलो के हिसाब से सेब बेचने को अनिवार्य किया था। सरकार की इस व्यवस्था से हालांकि आढ़ती नाराज़ दिखे, लेकिन बागवानों को बेहतर दाम मिले। 

बागबानी विभाग के आंकड़ों पर नज़र डालें तो दिल्ली की आजादपुर मंडी में 24 किलो की सेब की पेटी को पिछले वर्षों से बेहतर होल सेल रेट मिला है। वर्ष 2021 में जहां रॉयल किस्म के सेब की पेटी को औसतन 1920 रुपए का दाम मिला। वर्ष 2022 में इसकी किस्म की सेब की पेटी को औसतन 1440 रुपए का दाम मिला, जबकि इस वर्ष 2023 में रॉयल की किस्म की 24 किलो की पेटी को 2016 रुपए का दाम मिला है। रॉयल किस्म के सेब को जहां अच्छा दाम मिला है, तो वहीं दूसरी ओर रेड गोल्ड सेब को पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आजादपुर मंडी में होल सेल रेट काफी कम मिला है। वर्ष 2021 में आजादपुर मंडी में रेड गोल्ड किस्म के सेब को 960 रुपए का दाम मिला। वर्ष 2022 में 1320 रुपए और वर्ष 2023 में सिर्फ 864 रुपए का औसतन दाम 24 किलो की पेटी को मिला है।

इस वजह से घटा सेब का उत्पादन

हिमाचल के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में इस साल असामयिक बर्फबारी, सूखे और ओलावृष्टि के कारण सेब का बंपर उत्पादन नहीं हो पाया। दरअसल सेब की पैदावार मौसम के विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। इस बार शुरू से ही सेब पर मौसम की मार रही। जनवरी-फरवरी में कम बर्फ गिरने से सेब को चिलिंग आवर नहीं मिल पाए। इसके बाद मार्च व अप्रैल माह में बेमौसमी बारिश ने सेब की फ्लावरिंग पर असर डाला। मई व जून माह में हुई ओलावृष्टि ने सेब की फसल को तबाह कर डाला। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *