शिमला, 07 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के जिलों की ट्रैफिक व्यवस्था अब ट्रैफिक वालंटियर संभालेंगे। पुलिस मुख्यालय शिमला में डीजीपी संजय कुंडू ने वीरवार को ट्रैफिक वालंटिर स्कीम का शुभारंभ किया। ट्रैफिक वालंटियर स्कीम को लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों पुलिस अधीक्षकों को निर्देश व एसओपी जारी कर दी गई है।
डीजीपी संजय कुंडू ने बताया कि यातायात स्वयंसेवक योजना उद्देश्य राज्य में यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना है। यातायात के बेहतर प्रबंधन, सडक़ सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए ट्रैफिक वालंटियर्स नामक एक स्वैच्छिक बल का गठन किया जाना है जो सुव्यवस्थित वाहन यातायात प्रवाह के लिए सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाकर, सेवा की गुणवत्ता में वृद्धि और यातायात संबंधी निगरानी करके सामुदायिक पुलिसिंग की अवधारणा को क्रियान्वित करेगा। ट्रैफिक वालंटियर्स को जिला एसएसपी द्वारा रिफ्लेक्टिव सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा होना ताकि आम जनता को उनकी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग दिखे।
ऐसे करें आवेदन
ट्रैफिक वालंटियर के रूप में काम करने के इच्छुक व्यक्ति फॉर्म/अंडरटेकिंग भरकर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं और संबंधित जिले के एसएसपी या एआईजी/टीटीआर को ई-मेल के माध्यम से भेज सकते हैं। इसके अलावा ट्रैफिक स्वयंसेवक जिला ट्रैफिक कंट्रोल रूम या संबंधित पुलिस स्टेशनों पर भी फॉर्म भर सकते हैं।
ये होंगे ट्रैफिक वालंटियर के कर्तव्य
ट्रैफिक स्वयंसेवकों को अपने क्षेत्र के आसपास स्थित ट्रैफिक जंक्शनों, आसपास के कॉलेजों, पार्कों, उच्च शिक्षण संस्थानों, स्टेडियमों, मॉल, टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड, अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों और सरकारी निजी कार्यालयों आदि जैसे सार्वजनिक स्थानों पर यातायात कर्मियों के साथ यातायात का संचालन करना होगा। इसके अलावा उन्हें सडक़ उपयोगकर्ताओं के बीच सडक़ सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए। सडक़ दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों की मदद करें और इस प्रकार अच्छे सेमेरिटन के रूप में अपनी सेवाओं का योगदान दें। यातायात पुलिस द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेना। सडक़ों पर गलत और बेकार पार्किंग को हटाने में पुलिस अधिकारियों की सहायता करना। पार्किंग स्थानों के संचालन में सहायता करना और नए पार्किंग स्थानों को चिह्नित करने में समन्वय करना। ट्रैफिक पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो/लाइक/कमें करके अधिक से अधिक लोगों तक संदेश पहुंचाना। विशेष अवसरों और आयोजनों के दौरान यातायात प्रबंधन के लिए अतिरिक्त समय देना। शिक्षा एनिमेटेड वीडियो/ऑडियो तैयार करना और प्रसारित करना। आभासी यातायात सडक़ चिह्न बनाना।
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक हिमाचल प्रदेश यातायात स्वयंसेवक योजना (ट्रैफिक वालंटिर्य स्कीम) के तहत राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वैच्छिक लोगों का एक समूह होगा जो सेवा की भावना से यातायात प्रबंधन और जागरूकता में भाग लेंगे और विभिन्न यातायात कार्यों को स्वेच्छा से नि:शुल्क करने में योगदान देंगे।
यातायात स्वयंसेवकों द्वारा यातायात प्रबंधन, जैसे जंक्शनों पर यातायात प्रबंधन, यातायात जागरूकता कार्यक्रम, सोशल मीडिया पर यातायात संबंधी पोस्ट साझा करना, यातायात शिक्षा, ऑडियो/एनिमेटेड वीडियो तैयार करना, यातायात नियमों के बारे में जानकारी प्रसारित करना, लघु फिल्में, यातायात से संबंधित कहानियां, सार्वजनिक जागरूकता के लिए कार्टून किताबें, एनिमेटेड आभासी सडक़ संकेत साझा करना, नारा/संदेश बनाना शमिल है।