पूर्वाचल की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करें : राज्यपाल

शिमला, 10 दिसम्बर। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पूर्वाचल के लोगों से आने वाली पीढ़ियों के लिए पूर्वाचल की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने के लिए यहां परंपराओं और विरासत को संजो कर रखने का आह्वान किया। यह बात उन्होंने रविवार को नई दिल्ली में माटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित 7वें माटी सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। यह कार्यक्रम पूर्वाचल की कला और समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था।

राज्यपाल ने पूर्वांचल की संस्कृति को प्रतिबिंबित करने वाले समृद्ध लोक गीतों को संरक्षित करने के महत्व पर प्रकाश डाला और आने वाली पीढ़ियों के लिए पौराणिक परंपराओं के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने में इन लोकगीतों की भूमिका पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि हालांकि देशभर में भाषा, खान-पान, रीति-रिवाज और परंपराएं अलग-अलग हैं, लेकिन पूर्वांचल की भावना देशभर में रहने वाले सभी पूर्वांचलियों को एकजुट करती है।

राज्यपाल ने सनातन संस्कृति के महत्व पर भी बल दिया तथा वर्तमान व भावी पीढ़ियों से इस सम्बंध में जागरूक होने और गर्व करने का आह्वान किया। उन्होंने पवित्र शहर काशी और देश भर के घरों में पाई जाने वाली रामायण जैसी पवित्र पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्ध गोरखपुर के गीता प्रेस जैसे स्थलों के बारे में भी बताया।

राज्यपाल ने स्वतंत्रता संग्राम में क्षेत्र के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वतंत्रता संग्राम में इस धरती के नायकों की भूमिका व अन्याय के खिलाफ इनके संघर्ष की सराहना की।

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