धर्मशाला, 19 दिसम्बर। धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में विधानसभा क्षेत्र चंबा से पूर्व विधायक व नौकरशाह स्वर्गीय बीके चौहान के निधन पर शोकाेदगार प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की ओर से शोकोद्गार प्रस्तुत किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विधायक हंसराज, नीरज नैय्यर, विपिन सिंह परमार, डा. जनकराज ने भी सदन में अपने विचार रखे। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भी शोकोद्गार में शामिल होते हुए स्वर्गीय बीके चौहान को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि स्वर्गीय बीके चौहान का 29 नवंबर को हाल ही में उनका दुखद निधन हुआ है। वह दो बार के विधायक रहे और एक बेहतरीन प्रशासक भी थे। उन्होंने कहा कि बीके चौहान बिहार राज्य में प्रशासनिक सेवाएं देने के बाद हिमाचल की राजनीति में आए और जनसेवा में उनका बेहतरीन योगदान रहा है। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि बीके चौहान हरफनमौला व हंसमुख इंसान थे। उन्होंने अपने बेहतरीन तजुर्बे के साथ चंबा की जनता की सेवा की। साल 2007 के चुनाव में वह राजनीति में आए और भाजपा ने उन्हें टिकट दिया। तब जयराम ठाकुर पार्टी के अध्यक्ष थे। उन्होंने चौहान की सेवाओं की सराहना की।
भाजपा विधायक डा. हंसराज ने कहा कि स्वर्गीय बीके चौहान ने नेता और प्रशासन के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को बखुबी निभाया है। उनके परिवार ने कड़ा संघर्ष किया। पुरानी यादों को ताजा करते हंसराज ने कहा कि स्वर्गीय चौहान से उन्हें हमेशा मार्गदर्शन मिलता रहा है। वह चंबा जिला के पिछड़े पन को लेकर हमेशा से कुंठित रहे। विधायक विपिन सिंह परमार ने भी शोक जताया। उन्होंने कहा कि बीके चौहान के अच्छे वक्ता होने का प्रमाण इस बात से मिलता है कि वह बहुत कम शब्दों में बहुत बड़ी बड़ी बातें बाेल जाते थे। नीरज नैय्यर ने कहा कि उनके पिता व मेरे पिता दोनों मित्र थे। तब वह कांग्रेस के लिए काम किया करते थे।