मुख्यमंत्री सुक्खू ने विंटर कार्निवल मनाली का किया शुभारम्भ

मनाली, 02 जनवरी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू जिला के मनाली में पांच दिवसीय राष्ट्र स्तरीय विंटर कार्निवल का शुभारम्भ किया। उन्होंने ऐतिहासिक हिडिम्बा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उपरान्त परिधि गृह मनाली से कार्निवल परेड को झंडी दिखा कर रवाना किया। हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों के 250 से अधिक महिला मंडल और सांस्कृतिक दल परेड में शामिल हुए। सांस्कृतिक दलों ने सामाजिक सन्देश, संस्कृति और परम्पराओं पर आधारित आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मनु रंगशाला में दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विंटर कार्निवल में विभिन्न राज्यों के 25 प्रतिभागी समूह भाग ले रहे हैं। उन्होंने महिला मंडलों, विभागों और संस्थाओं द्वारा निकाली गई झांकियों में गहरी रुचि दिखाई।
इस अवसर पर एक विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों को प्रदान की जाने वाली ‘प्रोत्साहन राशि’ को 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त मनाली में 15 मील के पास नए पुल के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि रोहतांग-मनालसू पर्यटन होटल का जीर्णोद्धार किया जाएगा और विद्युत बोर्ड की भूमि पर पार्किंग बनाने की संभावना तलाशने के लिए भी सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने निकट भविष्य में मनाली में स्कीइंग कार्यक्रम आयोजित करने की भी घोषणा की।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले वर्ष आपदा के दौरान कुल्लू जिला में भारी क्षति हुई थी। उन्होंने कुल्लू में आपदा के दौरान तीन दिन तक स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से तीन दिनों के भीतर बिजली और पानी जैसी आवश्यक सेवाएं अस्थायी रूप से बहाल कर दी गईं थीं और क्षेत्र में फंसे 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार वाहनों को 48 घंटों के भीतर सुरक्षित बचाया गया।
शिमला में हुई तबाही के कारण वह 15 अगस्त को कुल्लू में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में भाग नहीं ले पाए थे, क्योंकि शिमला में 14 अगस्त को एक ही दिन में 51 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण राज्य में 16,000 घर क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 4,000 पूरी तरह से नष्ट हो गए। उन्होंने आपदा के दौरान आधारहीन बयानबाजी करने के लिए भाजपा नेताओं की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान, भाजपा नेताओं ने प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने केन्द्र से राज्य के लिए आर्थिक सहायता लाने में सहयोग नहीं किया और न ही किसी भी भाजपा सांसद ने वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री से संपर्क किया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वित्तीय बाधाओं के बावजूद राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए 4,500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज की घोषणा की और प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज में संशोधन भी किया। नए प्रावधानों के तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है और कच्चे मकानों को आंशिक क्षति के मामले में मुआवजे को 4 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया गया है। इसी प्रकार पक्के मकानों की आंशिक क्षति का मुआवजा एक लाख रुपये किया गया है।

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