वाइल्ड फ्लावर होटल मामले में हिमाचल सरकार की जीत, हाईकोर्ट ने खारिज की ओबेरॉय ग्रुप की रिव्यू पिटीशन, दो महीने में देना होगा सरकार को कब्जा

शिमला, 05 जनवरी। राजधानी शिमला से सटे छराबड़ा में ओबराय समूह के विख्यात पांच सितारा होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल हिमाचल सरकार को लंबी अदालती लड़ाई के बाद मिलने जा रहा है। ओबेरॉय समूह के पास अब इस आलीशान होटल का कब्जा नहीं रहेगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह आदेश सुनाया। हाईकोर्ट के जस्टिस सत्यैन वैद्य ने होटल के मालिकाना हक को लेकर दायर की गई ओबेरॉय ग्रुप की रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने ओबेरॉय ग्रुप को निर्देश दिए हैं कि दो महीने में होटल का कब्जा राज्य सरकार के हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम को सौंप दिया जाए।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता आई.एन. मेहता ने बताया कि यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय है जहां ईस्ट इंडिया होटल मैनेजमेंट और ओबेरॉय समूह को हिमाचल प्रदेश सरकार को कब्जा देने का निर्देश दिया गया है। समीक्षा याचिका भी खारिज कर दी गई है। हाईकोर्ट ने होटल प्रबंधन को दो महीने की अवधि के भीतर एचपीटीडीसी को कब्जा देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि दोनों पक्षों एचपीटीडीसी और वाइल्ड फ्लावर होटल प्रबंधन को खाते का निपटान करने के लिए एक-एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का नाम देना होगा। कोर्ट ने 15 मार्च 2024 तक अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया है। दो महीने के भीतर हिमाचल सरकार कब्जा देना होगा और अनुपालन रिपोर्ट अगले दिन यानी 15 मार्च 2024 को देनी होगी।

बता दें कि वाइल्ड फलावर होटल शिमला की शान माना जाता है। शिमला आगमन के दौरान वीवीआईपी लोग इसी होटल में ठहरते हैं। इस होटल की खूबसूरती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोनिया गांधी, अमिताभ बच्चन, एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर, राहुल गांधी जैसी सख्शियतें इस होटल में ठहरना पसंद करती हैं। प्रियंका गांधी ने इसी होटल के समीप अपना आशियाना बनाया है।

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