पालमपुर में बने पर्यटन गांव, कृषि विश्वविद्यालय की जमीन का न हो इस्तेमाल : शांता कुमार

पालमपुर, 06 जनवरी। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने पालमपुर में पर्यटन गांव बनाने की हिमाचल सरकार की योजना की सराहना की है। इसके लिए उन्होंने सरकार को बधाई दी है। हालांकि उन्होंने सरकार को सुझाव दिया है कि पर्यटन गांव बसाने का लिए स्थान का चयन चौधरी श्रवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय के हित को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

शांता कुमार ने शनिवार को एक बयान में कहा कि चौधरी श्रवण कुमार कृषि विवि पहले ही कुछ संस्थाओं को भूमि दे चुका है। भारत सरकार ने केन्द्रीय कृषि विवि बनाने की योजना भी बनाई है, यह प्रयत्न चल रहा कि पालमपुर कृषि विवि को ही केन्द्रीय कृषि विवि में बदला जाए। उसके लिए भी भूमि की आवश्यकता होगी।

शांता कुमार ने कहा है कि आज की कृषि इंजीनियरिंग के बिना अधूरी है। कृशि विवि में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की योजना है। उसके लिए भी भूमि की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा कि पर्यटन गांव के लिए पालमपुर में सैकड़ों एकड़ भूमि उपलब्ध है। कुछ समय पूर्व पालमपुर की समाज सेवी चन्द्रप्रभा ने 3200 एकड़ भूमि सरकार को दान में दी है। कण्डी के निकट यह भूमि पर्यटन गांव के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है।

शांता कुमार ने कहा कि पूरी धौलाधार कण्डी से लेकर धर्मशाला तक पर्यटन की संभावनाओं से भरी पड़ी है। इसके लिए उन्होंने केन्द्र से विशेष रूप से दो करोड़ रुपये स्वीकृति करवा पुल द्वारा धौलाधार को जोड़ा था। पर्यटन गांव के लिए धौलाधार में उपयुक्त स्थान मिल सकता है। इससे धौलाधार की पर्यटन संभावनाए भी शुरू होगी।

उन्होंने हिमाचल सरकार से आग्रह किया है कि पर्यटन गांव पालमपुर में ही बनना चाहिए। परन्तु उसके लिए चौ0 श्रवण कुमार कृषि विवि की भावी संभावनाओं को कम न किया जाए। जब पालमपुर में पर्यटन गांव के लिए सैंकड़ों एकड़ बढ़िया भूमि उपलब्ध है तो चौ0 श्रवण कुमार कृषि विवि को किसी प्रकार की कमी नही आनी चाहिए।

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