शिमला, 13 जनवरी। हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग में इस वर्ष कई नई पहल देखने को मिलेंगी। प्रदेश में गाड़ियों की फिटनेस की मैनुअल टेस्टिंग बंद कर होगी। गाड़ियों की फिटनेस की जांच अब आटोमैटिड टेस्टिंग सेंटरों (एटीएस) में होगी। अक्टूबर माह से मैनुअल टेस्टिंग बंद कर दी जाएगी। पहली अक्टूबर से ऑटोमेटिड टेस्टिंग सेंटरों में गाड़ियों की फिटनेस की जांच होगी। दो बार अगर गाड़ी इस टेस्ट फेल हो जाती है तो उसको स्क्रैप के लिए भेजा जाएगा। सूबे के उप मुख्यमंत्री और परिवहन विभाग का जिम्मा संभाल रहे मुकेश अग्निहोत्री ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब गाड़ियों के स्क्रैपिंग की सुविधा मिलेगी। इसके लिए छह वाहन स्क्रैपिंग और ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इनके लिए 31 जनवरी तक इच्छूक लोगों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। वर्तमान में मेटल स्क्रैप ट्रेड स्क्रैपिंग कॉरपोरेशन ऑफ़ इण्डिया में ऐसे वाहनों को भेजा जा रहा है। .उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 साल से पुराने सरकारी वाहनों को इस्तेमाल में नहीं लाया जाएगा। ऐसे वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और इन्हें स्क्रैप में भेजा जा रहा है। ये वाहन अब अवैध माना जाएंगा, इन्हें पोर्टल से हटा दिया गया है। सड़कों में ऐसे वाहनों का दौड़ना गैरकानूनी माना जाएगा। सरकारी विभागों में अब सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों की ही खरीद होगी।
परिवहन महकमे ने फैंसी नंबर की सीरीज से 11 करोड़ रुपए कमाए
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक नंबर की सीरीज को भी निजी वाहनों के लिए देने का फैसला लिया है। पहले यह सीरीज केवल सरकारी गाड़ियों के लिए रखी गई थी। अब इन्हें निजी वाहनों को बोलियों पर दिया जा रहा है और इसके लिए पांच लाख से ज्यादा की बोलियां रखी गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक नंबर की सीरीज के पांच नंबर जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से एक 35 लाख रूपये में बिका है। अभी तक गाड़ियों के कुल 3155 फैंसी नंबर जारी किए जा चुके हैं जिनसे परिवहन विभाग को 11 करोड़ की आय हुई है।
पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स न जमा कराने वालों को राहत
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन वाहन चालकों को भी राहत देने का भी फैसला लिया है जिन्होंने कई सालों से पैसेंजर एंड गुडस टैक्स जमा नहीं कराया है। ऐसे वाहन चालकों को अब पैनल्टी का 10 फीसदी ही देना होगा और कोई ब्याज भी इनसे नहीं वसूला जाएगा। इस मुहिम में अभी तक 50 लाख रूपये परिवहन विभाग को मिले हैं।
घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को 5 हजार का ईनाम
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अक्सर सड़क दुर्घटनाओं में हिट एंड रन के मामले सामने आते हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को पुलिस तंग नहीं करेगी बल्कि उन्हें पांच हजार रुपए का ईनाम दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग लोगों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए 15 जनवरी से यातायात सुरक्षा अभियान शुरू करेगा, जोकि तीन माह तक चलेगा। इसके बाद नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी. इसके साथ ही सड़क पर बार बार एक्सीडेंट वाले स्पॉट (ब्लैक स्पॉट) को भी सुधारा जाएगा। लोकनिर्माण विभाग को इन्हें चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में भी अब ई-चालान की सुविधा मिलेगी और मौके पर जुर्माना भी लोग चुका सकेंगे। प्रदेश में 31 मार्च 2024 तक पूरी तरह से ई-चालान की व्यवस्था लागू होगी। इसके साथ परिवहन विभाग के 12 बैरियरों को आगामी 30 जून तक इंटेलीजेंट टैªफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस किया जाएगा, इसके बाद यहां पर आटोमैटिड चालान शुरू होने लगेंगे।
एक साल में 300 करोड़ बढ़ा परिवहन विभाग का राजस्व
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब सरकार आई तो परिहवन विभाग का राजस्व 500 करोड़ था। पिछले एक वर्ष में विभाग में आय अर्जित करने के लिए कई नए कदम उठाए गए और अब राजस्व बढ़कर 800 करोड़ रुपए पहुंच गया है। मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि उनका लक्ष्य परिवहन विभाग का राजस्व 1000 करोड़ करने का है। मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में 22,43,524 गाड़ियां हैं। जिनमे 19,25,593 गाडियां निजी हैं। वहीं व्यवसायिक गाड़ियों की संख्या 3179711 है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में 2811 इलेक्ट्रिक गाडियां है जिनमंे निजी गाड़ियां 2412 और व्यवसायिक गाड़ियां 399 हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार ई-टैक्सी की व्यवस्था शुरू की जा रही है, इसके तहत 500 गाड़ियां 50 प्रतिशत अनुदान के लिए दी जाएगी। ई-टैक्सी के लिए अभी तक 521 आवेदन आए हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं और अब तक 17 पेट्रोल पंप पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए गए हैं जो फरवरी तक शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि एचआरटीसी ने 234 नए रूट पर आवेदन मांगे थे अभी तक 1263 आवेदन मिले हैं। जबकि 50 रूट पर आवेदन नहीं मिले हैं।
प्रदेश में सड़क हादसों में आई 13 फीसदी की गिरावट
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा वर्ष 2023 में 881 लोग सड़क दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बने जबकि 2022 में ये आंकड़ा 1032 था। प्रदेश में औसतन 50 प्रतिशत दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे पर होती है। इस तरह बीते वर्ष सड़क हादसो ंमें 13 फीसदी कमी आई है और उनका लक्ष्य हादसों में और कमी लाना है। इसके लिए जागरूक करने पर बल दिया जा रहा है। हादसों को कम करने के लिए जागरूकता अभियान स्कूलों में भी चलाया जाएगा। लाइसेंस बनाने के लिए भी जागरूक किया जाएगा।