हिमाचल में रोचक हुआ राज्यसभा चुनाव, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को टक्कर देंगे भाजपा के हर्ष महाजन

शिमला, 15 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा का चुनाव निर्विरोध नहीं होगा। विपक्षी दल भाजपा ने मास्टर स्टॉक खेलते हुए राज्यसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया है। भाजपा ने कांग्रेस से आए हर्ष महाजन को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी से होगा।

भाजपा और कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों ने गुरूवार को विधानसभा में नामांकन दाखिल कर दिये। राज्यसभा के लिए हर्ष महाजन पर दांव खेलकर भाजपा ने सबको चौंका दिया है। माना जा रहा था कि विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत होने के कारण भाजपा उम्मीदवार नहीं देगी। हर्ष महाजन ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से चंद रोज पहले भाजपा का दामन थामा था। हर्ष महाजन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वह कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के करीबियों में शामिल रहे हैं। वर्तमान मैं वह भाजपा प्रदेश कोर ग्रुप के भी सदस्य हैं।

हर्ष महाजन को प्रत्याशी बनाकर भाजपा की नजर कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों पर है। भाजपा का मानना है कांग्रेस के कुछ विधायक सरकार से असंतुष्ट चल रहे हैं और सरकार की कार्यशैली पर सवाल भी उठा रहे हैं। 

कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के बाहरी प्रदेश से होने के कारण भाजपा इसे मुद्दा बनाएगी। अभिषेक मनु सिंघवी के राज्यसभा उम्मीदवार बनने से प्रदेश कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं को झटका लगा है, जो राज्यसभा में जाने की मंशा पाले हुए थे।  

ऐसे में भाजपा ने प्रत्याशी उतार कर राज्यसभा चुनाव को बेहद रोचक बना दिया है। यह सीट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का राज्यसभा सांसद का कार्यकाल पूरा होने पर खाली हुई है। 

27 फरवरी को होगा मतदान

चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक राज्ससभा के लिए नामांकन की आज आखिरी तारीख है। अधिसूचना के मुताबिक नामांकन पत्रों की छंटनी 16 फरवरी को होगी। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 20 फरवरी, मतदान की तिथि मंगलवार 27 फरवरी है। विधानसभा परिसर में पोलिंग सुबह 9 से शाम 4 बजे तक चलेगी और इसी दिन देर शाम तक रिजल्ट घोषित होगा। 

कांग्रेस के पक्ष में आंकड़े, भाजपा की नजर कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग पर

हिमाचल से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत तय है। दरअसल हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटें हैं। यहां पर कांग्रेस के पास 40 सीटें, भाजपा के पास 25 और तीन  निर्दलीय विधायक हैं। इस तरह यहां से राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की जीत तय है।

राज्यसभा के चुनाव में विधायक वोट डालते हैं। विधायकों के वोटों से ही हार जीत तय होते हैं। राज्यसभा के चुनाव में एक सीट के लिए 35 वोट चाहिए। कांग्रेस पार्टी के 40 विधायक हैं। वहीं 3 निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं। इस हिसाब से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत निश्चित है। कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से ही भाजपा राज्यसभा चुनाव जीत सकती है।

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