सभी वर्गों के कल्याण पर केंद्रित है प्रदेश सरकार का बजट: धनीराम शांडिल

शिमला, 18 फरवरी। स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा शनिवार को विधानसभा में वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत बजट को भविष्योन्मुखी करार दिया है। उनका कहना है कि यह विकास केंद्रित निर्णयों से परिपूर्ण बजट है जिसमें समाज के सभी वर्गों के आर्थिक सशक्तिकरण का विशेष ध्यान रखा गया है।

शांडिल ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह बजट प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन को तीव्र गति प्रदान करते हुए राज्य सरकार द्वारा हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य का लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

बजट अनुमान पर अपनी प्रतिक्रिया में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह बजट समग्र व नवोन्मेषी है। उन्होंने कहा कि यह बजट प्रदेश के भविष्य की नींव मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह बजट प्रदेश को वर्ष 2032 तक आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्यों की प्राप्ति में निर्याणक भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि बजट में पैरा-कर्मियों द्वारा प्रदेश भर में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन में निभाई जा रही भूमिका को अधिमान देते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा वर्करों, मिड-डे मील वर्करों, बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता, पंचायत कार्यकर्ता, जल रक्षक, सिलाई शिक्षक, एसएमसी शिक्षक और आईटी शिक्षकों सहित विभिन्न पैरा-कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में वृद्धि एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है जिससे कामगारों का एक बड़ा वर्ग लाभान्वित होगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत लिए गए निर्णयों की सराहना करते हुए कहा कि इस बजट में प्रदेशवासियों को घर-द्वार पर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री द्वारा भविष्योन्मुखी और विकास पर केंद्रित साहसिक निर्णय लिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डॉ. राधाकृष्णन चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में ‘राज्य कैंसर संस्थान’, जिला अस्पतालों और आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों में ‘कैंसर डे केयर सेंटर’ और आईजीएमसी, शिमला में उन्नत रेडियोथेरेपी उपचार प्रदान करने के लिए लीनियर एक्सेलेरेटर मशीन की स्थापना का सराहनीय निर्णय लिया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रथम चरण में प्रदेश के 53 स्वास्थ्य संस्थानों में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। यह प्रणाली रोगियों को उनकी बीमारी से सम्बंधित पूर्व विवरण के आधार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी।

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