प्रदेश में सामूहिक अवकाश पर रहे डॉक्टर, अस्पतालों में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं

शिमला, 07 मार्च। एनपीए की बहाली व अन्य मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टर गुरूवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। डॉक्टर की हड़ताल से मरीजों और उनके तीमारदारों को सुबह से ही परेशानियां झेलनी पड़ी। खासकर वो मरीज जिन्हें डॉक्टरों की हड़ताल की जानकारी नहीं थी। डाॅक्टरों के न आने से प्रदेश के जोनल व जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। शिमला के जोनल अस्पताल रिपन में सुबह से मरीजों को काफी अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीज ओपीडी में डॉक्टरों का इंतजार करते रहे।
प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों से इलाज के लिए शिमला के रिपन अस्पताल पहुंचे मरीजों का कहना है कि उन्हें डॉक्टरों की हड़ताल की जानकारी नहीं थी। वह काफी दूर से इलाज के लिए किराया खर्च कर आए हैं। अस्पताल में कोई भी डॉक्टर नहीं मिल रहा है जिससे उन्हें भटकना पड़ रहा है। कुछ मरीजों ने कहा कि शिमला में होटल में ठहरना पड़ेगा जिससे उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी रही है। सरकार को डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए ताकि जनता को समस्याओं से न जूझना पड़े।
रिपन अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि आज डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर है। अस्पताल में दूरदराज क्षेत्रों व स्थानीय लोग भी इलाज के लिए आए हैं। शायद उन्हें आज सामूहिक अवकाश की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सभी इमरजेंसी सेवाएं लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को शिवरात्रि की छुट्टी है, ऐसे में परसों से अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे।
हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष राजेश राणा ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान डाॅक्टरों का एनपीएस बंद किया है। डाॅक्टरों की पदोन्नती रूकी हुई है। मुख्यमंत्री के साथ इस बारे बैठक हो चुकी है, लेकिन अभी तक मांगों को पूरा नहीं किया गया है। 

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