शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ़ मंच से मुख्यमंत्री बाग़ी विधायकों के बारे में अनाप-शनाप बयान बाज़ी करते हैं तो उन्हीं की पार्टी के तीन बड़े नेता फ़ोन करके उनसे वापस आने की गुहार लगाते हैं। उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। उन्हें सदस्यता बहाली से लेकर मंत्रालय और अन्य पदों का लालच दिया जा रहा है। दूसरी तरफ़ कांग्रेस अपनी ही पार्टी के विधायकों को सत्ता का दुरुपयोग करके परेशान कर रही है। विधायकों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। उनके घर के सामने दीवार खड़ी की जा रही है। उनके घर गिराने के नोटिस भेजे जा रहे हैं। सरकार ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से विधायकों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि बदले की राजनीति सरकार बंद करे। साथ ही अधिकारियों को भी क़ानून के दायरे में रह कर काम करने का आग्रह किया।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की मनमानी की वजह से आज प्रदेश में ऐसे हालात बने हैं। कांग्रेस पार्टी के कहने पर ही कांग्रेस के प्रत्याशियों ने सम्मान निधि के फ़र्ज़ी फॉर्म भरवाए थे, लेकिन सरकार बनने के बाद उस पर कोई बात नहीं हुई। वही विधायक आज बोल रहे हैं कि वह जनता के सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे थे। हर दिन महिलाएं उनसे पूछती थी भैया 1500 रुपए कब से मिलेंगे. मुख्यमंत्री से जब उन सवालों के बारे में बात की तो उन्हें ज़लालत के अलावा कुछ नहीं मिला। वह खुलेआम कह रहे है कि मुख्यमंत्री ने उनके सामने कोई विकल्प नहीं छोड़ा। जो कुछ हो रहा है उसके लिए मुख्यमंत्री ही दोषी हैं।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया में आकर खुलेआम कहा है कि कांग्रेस के कार्यकर्ता हताश हैं इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ेंगी। प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपने सरकार के कार्यकलापों पर सवाल उठाकर चुनाव लड़ने से मना करने से साफ़ हो जाता है कि सरकार की क्या स्थिति है। अब कांग्रेस के बड़े नेता उनकी मान-मनौवल करने में जुटी है। उन्हें चुनाव लड़ने को राज़ी कर रही हैं। आज कांग्रेस को खोजे प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। देश का हर विकासोन्मुखी व्यक्ति, जनप्रिय राज नेता आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काम करना चाहता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि ईमानदारी की दुहाई देने वाली आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री समेत सभी बड़े नेता आज जेल में हैं। ईडी द्वारा नौ-नौ बार समन देने के बाद भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए और इधर उधर की बातें करते रहे। जाँच एजेंसी के सामने न पेश होने के बहाने तलाशते रहे, कोर्ट में भी गये और वहाँ पर भी उन्हें राहत नहीं मिली। राजनीति में सुचिता की बात करने वाली पार्टी के बड़े-बेड़े नेता शराब के घोटाले में जेल में हैं।