हिमाचल परिवहन विभाग में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल, देश का पहला सरकारी विभाग

शिमला, 03 फरवरी। हिमाचल प्रदेश का परिवहन विभाग पूर्ण रूप से विद्युत वाहन उपयोग करने वाला देश का पहला सरकारी विभाग बन गया है। इस नई पहल से परिवहन विभाग देश के अन्य राज्यों के लिए मिसाल बन गया है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को रिज मैदान शिमला से ग्रीन मोेबिलिटी अभियान के तहत व पर्यावरण संरक्षण व प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए परिवहन विभाग के इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से परिवहन विभाग पूर्ण रूप से विद्युत वाहन उपयोग करने वाला देश का पहला सरकारी विभाग बन गया है, जो व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के बाद अब राज्य सरकार अन्य विभागों की परंपरागत ईंधन वाहनों को भी एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनोें के साथ प्रतिस्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न विभागों के खर्चों में काफी कमी आयेगी।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के वातावरण को साफ-सुथरा रखना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हिमाचल प्रदेश में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वर्ष 2025 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रभावी कदम उठा रही है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही ‘परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-नादौन-देहरा’ परिवहन लाइन को क्लीन एंड ग्रीन कोरिडोर बनाने जा रही है। इसके अलावा शिमला शहर व इसके आसपास के क्षेत्रों में होने वाले अधिकांश बस रूटों पर ई-बसें चलाई जाएंगी। 

उन्होंने कहा कि रामपुर-शिमला कोरिडोर में भी अधिकांश ई-बसों का संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला लोकल डिपो को पूर्णतः इलेक्ट्रिक बस डिपो बनाया जाएगा तथा नादौन में नया इलेक्ट्रिक बस डिपो खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि दो साल में हिमाचल पथ परिवहन निगम को 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें प्रदान कर दी जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस लक्ष्य को पाने के लिए अगले वित्त वर्ष में हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेड़े में 300 नई ई-बसें शामिल करेगी। इसके लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम को 400 करोड़ रुपये की धनराशि एकमुश्त स्वीकृत की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेड़े में चरणबद्ध तरीके से और अधिक ई-बसें शामिल की जाएंगी।

सुक्खू ने कहा कि परंपरागत ईंधन वाले वाहनों से उड़ने वाला धुआं वायु प्रदूषण का मुख्य कारक है, इसलिए देश में अब इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिवार्यता महसूस की जाने लगी है और इलेक्ट्रिक वाहनों को भविष्य के परिवहन साधन के रूप में देखा जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिवार्यता और अपरिहार्यता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 अधिसूचित की है। इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को परिवहन साधन के रूप में अपनाने को बढ़ावा देकर पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करना, हिमाचल को इलेक्ट्रिक परिवहन व इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के हब के रूप में विकसित करना है। इसके साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश भर में सरकारी एवं निजी क्षेत्र में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना तथा प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण उद्योगों को स्थापित करने के लिए उद्यमियों को सबसिडी तथा अन्य प्रोत्साहन देना भी शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर टोकन टैक्स में भी छूट दी गई है।  उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को गति देने के लिए प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है। 

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार अपने चुनावी वायदों को पूर्ण करने के लिए वचनबद्ध है तथा इस दिशा में प्रदेश सरकार ने पहले ही दिन से कार्य करना आरम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कर्मचारी तथा पैंशनरों के देय एरियर को भी देने के लिए वचनबद्ध है।

इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज यहां ऐतिहासिक रिज मैदान में परिवहन विभाग को इलेक्ट्रिक वाहन प्रदान कर एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी पहल की है। इस नई पहल से जहां पैसे की बचत होगी, वहीं पर्यावरण तथा प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए भी एक सार्थक कदम है, जो वर्तमान सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।

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