हिमाचल के नवनियुक्त राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का शिमला पहुंचने पर स्वागत

शिमला, 17 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल शुक्रवार को शिमला पहुंचे। यहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। शिव प्रताप शुक्ल 18 फरवरी, 2023 को दोपहर दो बजे हिमाचल प्रदेश के 29वें राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।
शिमला आगमन पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह, सांसद एवं प्रभारी प्रदेश कांग्रेस राजीव शुक्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तजिंदर सिंह बिट्टू, सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चैहान, विधायकगण, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा गणमान्य लोगों ने राजभवन में शिव प्रताप शुक्ल का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने उन्हें व उनकी धर्मपत्नी जानकी शुक्ल को हिमाचली टोपी और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

बता दें कि नए राज्यपाल बनाए गए शिव प्रताप शुक्ला मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का जिम्मा संभाल चुके हैं। वह वर्ष 2017 से 2019 तक मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री थे। शुक्ला 2016 से 2022 तक उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद रहे थे। वह राज्यसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। वह भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते हैं। आरएसएस के स्वयंसेवक और उनकी विचारधारा के पोषक होने के नाते भाजपा संगठन में उनकी गहरी पकड़ रही है।

शिव प्रताप शुक्ला का जन्म 01 अप्रैल 1952 को उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर में हुआ। पेशे से वकील रहे शिव प्रताप शुक्ला छात्र संगठन एबीवीपी से भाजयुमो और फिर भाजपा में आये। 1981 में पहली बार भाजयुमो के क्षेत्रीय मंत्री बने। इमरजेंसी में मीसा के तहत गिरफ्तार हुए और करीब 19 महीने जेल में रहे।

वह भाजपा की टिकट पर वर्ष 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार चार बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए। वह उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकारों में तीन बार कैबिनेट मंत्री भी बने।

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