हिमाचल में जाइका की फंडिंग से अस्पतालों की दशा सुधारेगी सुक्खू सरकार

शिमला, 25 फरवरी। हिमाचल प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती, अस्पतालों की दशा सुधारने और विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए जापान सरकार की एजेंसी से वितीय मदद लेगी। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जाइका) से लगभग 2835 करोड़ रुपये की वितीय मदद लेने का खाका तैयार किया जा रहा है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में त्रि-स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे के लिए 1620 करोड़ रुपये आवंटित करने की योजना बनाई है जिसमें 1010 करोड़ रुपये अपेक्षित वित्तीय परिव्यय से हमीरपुर, चंबा और नाहन में नए चिकित्सा महाविद्यालयों को सुदृढ़ करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में कैंसर से संबंधित सुपर-स्पेशियलिटी सेवाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा विकसित करने पर 400 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। सरकार नर्सिंग शैक्षणिक ढांचा और नए चिकित्सा महाविद्यालयों में हाई-एँड डायग्नोस्टिक क्षमता के लिए 60 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि के लिए जाइका से विचार-विमर्श कर रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में द्वि-स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार जाइका के वित्तपोषण से 1215 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव कर रही है। इसमें प्रत्येक चिकित्सा खंड में नागरिक अस्पतालों में द्वि-स्तरीय देखभाल सुविधा जैसे सीटी स्कैन व आधारभूत ढांचे के लिए 988 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सेकंडरी केयर सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए 135 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं तथा 92 करोड़ रुपये अन्य नागरिक अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के रखरखाव और डायग्नोस्टिक्स, पावर बैकअप और अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) को सुदृढ़ करने के लिए प्रस्तावित हैं।

प्रवक्ता के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग इन योजनाओं के आधार पर एक प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा, जिस पर जाइका के साथ विस्तार से चर्चा की जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेशवासियों को उनके घर-द्वार के निकट विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार का लक्ष्य स्वास्थ्य क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देना है और इस क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए धन का अभाव आड़े नहीं आएगा।

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