शिमला, 25 फरवरी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि नेहरू-गांधी परिवार ने देश की एकता और अखंडता के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। यह परिवार सत्ता का भूखा नहीं है और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ-साथ राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
सुक्खू शनिवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के 85वें पूर्ण अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 18 वर्ष की आयु में मतदान का अधिकार देकर राष्ट्र निर्माण में युवाओं की सहभागिता को सुनिश्चित किया। उन्होंने समाज की विकास प्रक्रिया में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास राष्ट्र के लिए बलिदानों से भरा है। भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का जवाब देने के लिए 2024 में होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर एक साथ खड़ा होना होगा।
सुक्खू ने कहा कि प्रियंका गांधी की चुनावी रणनीति के फलस्वरूप ही प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ और इस छोटे से राज्य में पार्टी की जीत आगामी लोकसभा चुनावों के लिए वरदान सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने हाल ही में भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से लोगों में एकता और सद्भाव का संदेश देने के लिए कन्याकुमारी से लेकर श्रीनगर तक 3500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मुख्य विपक्षी दल की जिम्मेदारी को समझते हुए भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ आवाज उठाने और आम लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।