पीएम श्री स्कूल योजना की तीन दिवसीय राज्स्तरीय कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशाप शिमला में आरंभ


शिमला. स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम श्री स्कूल योजना लांच की है। हिमाचल में इस योजना के तहत 180 स्कूलों का चयन किया गया है। इन स्कूलों में इस योजना को लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में आज हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान ( HIPA) फेयरलांज में तीन दिवसीय कार्यशाला शुरु हो गई, जिसमें पीएम श्री स्कूल स्कीम के जिला नोडल अधिकारियों के साथ साथ चयनित स्कूलों के प्रिंसिपल और मुख्याध्यापकों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का शुभारंभ केंद्र सरकार के अतिरिक्त सचिव, स्कूली शिक्षा, विपिन कुमार ने समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, अतिरिक्त प्राथमिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली की मौजूदगी दिल्ली से ऑनलाइन किया।
विपिन कुमार ने कहा कि हिमाचल में एक साथ 180 स्कूलों का चयन पीएम श्री स्कूलों के लिए किया गया है। इन स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पीएम श्री स्कूल एक तरह के एग्ज़ेम्पलर स्कूल होंगे। इनमें बुनियादी सुविधाओं के साथ साथ साइंस लैब, लाइब्रेरी, खेल मैदान जैसी सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि पीएम श्री स्कूल योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा। चयनित स्कूलों के शिक्षकों का प्रशिक्षण आईआईटी, आईआईएम जैसे उच्च संस्थानों से होगा। इन शिक्षकों के लिए एक मेन्टोर भी होगा, जो समय-समय पर इनकी मदद कर सके। इसके लिए नेशनल मेन्टोरशिप प्लान भी तैयार किया जा रहा है।
अतिरिक्त शिक्षा सचिव ने कहा कि यह कार्यशाला इन शिक्षकों की ट्रेनिंग आधार बनेगी। बीआरसी, डाइट और एसईआरटी को भी इन शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए आगे आना होगा। विपिन कुमार ने उम्मीद जताई कि तीन दिनों की यह कार्यशाला शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि पीएम श्री स्कूल पढाई और अन्य मानदंडों पर अन्य स्कूलों से बिल्कुल अलग दिखे। अन्य स्कूल भी इनकी तर्ज पर अपने स्कूल को विकसित करें।

हिमाचल में एजुकेशनल लैंडस्केप बदलने का काम करेगी पीएम श्री स्कूल योजनाः राजेश शर्मा
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के स्कूलों को एक्सीलेंस संस्थानों में बदलने की है। इसी बीच हिमाचल में पीएम श्री स्कूल योजना लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह स्कीम हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि पीएम श्री इनोवेटिव स्कीम है, जो एक्सपीरियंशल लर्निंग सहित शिक्षा नीति के सभी तत्वों को समाहित करते हुए बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगी।

शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस कर रही है प्रदेश सरकारः आशीष कोहली
इस मौके पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस कर रही है। इसके लिए सरकार कई अहम कदम उठा रही है। इसी दिशा में एक अहम कदम प्रदेश में 850 शिक्षण संस्थानों को एक्सीलेंस बनाने का है। इनमें पीएम श्री की गाइड लाइंस को लागू किया जाएगा।
स्कूल आफ एक्सीलेंस के अलावा सरकार ने प्रदेश में क्लस्टर सिस्टम लागू करने का भी फैसला लिया है ताकि इसके अधीन आए स्कूल आपस में मिलकर सभी सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए सरकार ने इस सत्र से पहली और दूसरी कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से पढाई करने का बड़ा फैसला लिया है। इसके बाद इसको अन्य कक्षाओं में भी लागू किया जाएगा। वहीं प्रदेश में अब सरकारी स्कूल, एसएमसी के साथ मिलकर अपनी पसंद की स्मार्ट यूनिफॉर्म लागू कर सकते हैं। प्रदेश में मौजूदा समय में 3 हजार से ज्यादा स्कूलों में स्मार्ट यूनिफॉर्म लागू कर चुके हैं।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए लाभदायक साबित होगी। शिक्षक यहां से प्रशिक्षण लेकर फील्ड में इनको अपने स्कूलों में लागू करेंगे, जिससे अन्य स्कूल भी सीख सकेंगे।

एजुकेशन पालिसी-2020 का शो-केस होगी पीएम श्री स्कीमः डा. सुरेश ठाकुर
पीएम श्री स्कीम के राज्य नोडल आफिसर डा. सुरेश ठाकुर ने कहा कि पीएम श्री स्कूल योजना के तहत आए स्कूल शिक्षा नीति-2020 का शो-केस होंगे। यह स्कीम प्रदेश के स्कूलों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बेहतर मौका साबित होगी। डा. सुरेश ने इस स्कीम के बारे में विस्तार से कार्यशाला में बताया। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत आए 180 स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं के साथ लैब, स्मार्ट क्लासरूम, खेल मैदान, सहित कई सुविधाएं मिलेगी।
पीएम श्री स्कूल की खासियतें –
डा. सुरेश ठाकुर ने बताया कि योजना के तहत संबंधित स्कूल शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप प्लान तैयार कर सकेंगे। इसके तहत हर स्कूल में व्यवसायिक शिक्षा लागू की जाएगी ताकि इनसे पास होने वाला हर बच्चा कौशल युक्त हो। पहली से 12वीं तक आईसीटी लैब भी इन स्कूलों में होगी। योग और खेलों की सुविधाएं भी इन स्कूलों में मिलेंगी। करियर एवं गाइडेंस काउंसलिंग भी इनके छात्रों को मिलेगी।
इन स्कूलो में स्मार्ट कक्षाओं का प्रावधान भी होगा। इनमें 9वीं से लेकर 12 वीं तक स्मार्ट कक्षाएं होंगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मुताबिक अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन का भी प्रावधान इन स्कूलों में होगा। ये स्कूल ग्रीन स्कूल भी होंगे। वहीं इनमें तीन माह तक के आत्मरक्षा के गुर भी बालिकाओं को सिखाए जाएंगे। इस स्कीम में बच्चों की ट्रेकिंग का प्रावधान भी है जिससे ड्राप आउट बच्चे का भी पता चल सके। इन स्कूलों में हर विषय की साइंस लैब होंगी। अटल टिंकरिंग लैब, डिजिटल लैब जैसी सुविधाएं भी इन स्कूलों में होंगी। प्राथमिक स्कूलों में चिल्ड्रन फ्रेंडली फर्नीचर उपलब्ध कराए जाएंगे। हर्बल-मेडिसनल गार्डन भी इन स्कूलों में बनेंगे।
डा. सुरेश ठाकुर ने बताया कि तीन दिवसीय राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला में डाइट के प्रिंसिपल, पीएम श्री के जिला नोडल अधिकारी, पीएम श्री स्कूल के प्रमुखों ने भाग लिया। ये आगे चलकर बाकी पीएम श्री विद्यालय प्रमुखों व अन्य शिक्षकों को पीएम श्री स्कीम के कांसेप्ट के बारे में प्रशिक्षित करेंगे। जिससे कि ये सभी पीएम श्री विद्यालय, ब्लाक व जिला स्तर पर एक एग्ज़ेम्पलर स्कूल के तौर पर विकसित हो। एनसीईआरटी के प्रो. आशुतोष गोस्वामी ने नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि पीएम श्री स्कूल योजना से आने वाले समय में स्कूली सिस्टम में बदलाव आएगा।
एक्सप्रैशन इंडिया में तैनात साइकोलॉजिस्ट तनू कपिला ने स्कूली बच्चों की मेंटल हेल्थ पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक स्तर को देखते हुए उनसे उचित व्यवहार करना चाहिए व बच्चों को खेल खेल में अत्यधिक समय देकर अध्ययन कराएं ताकि उनका संपूर्ण विकास हो।

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