हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई है : जयराम

गोली कांड के अपराधी को छुपाने की छूट, सरकार का मिल रहा संरक्षण

चिट्टे का धंधा काग्रेस नेताओ के संरक्षण में चल रहा है

वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ने सभी नियमों और व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा दी है, विधायकों की सदस्यता रद्द करने का कोई अधिकार नहीं

विधानसभा अध्यक्ष को अपनी भाषा पर कोई नियंत्रण नहीं

कांग्रेस के अपने विधायकों से ही कांग्रेस को खतरा

शिमला, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस हारी है और 68 में से 61 सीटों पर हरि है। कांग्रेस सरकार की पूरी ताकत केवल कुर्सी बचाने के लिए लगी है इसके अलावा मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक दिन पहले कहते हैं कि मेरे परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ेगा और दो दिन बाद उनकी पत्नी को टिकट मिल जाती है, मैं भी मुख्यमंत्री रह चुका हूं मुझे पता है की मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बिना यह चयन संभव नहीं है और खासकर कांग्रेस पार्टी में।

वर्तमान सरकार में प्रदेश के हालात कैसे बन गए हैं, 17 महीने में 300 से ज्यादा बलात्कार और 150 से अधिक हत्या के मामले सामने आए हैं, हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई है। अब तो उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी सुनी सुनाई घटनाएं हिमाचल प्रदेश में होनेलग गई है, जुडशियल कॉम्प्लेक्स में किराए के गुंडे एक व्यक्ति पर गोलियां चलती है जो घायल हो जाता ह। उनको लाने वाले और कोई नहीं बल्कि बिलासपुर सदर के पूर्व विधायक के बेटे हैं जो कि अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। इनको सरकार का पूर्ण संरक्षण मिला है और इसका प्रमाण इससे दिखता है कि उस पूर विधायक की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है और उनके बेटे को छुपाने की छूट मिल रखी है। बिलासपुर में बच्चा-बच्चा बोल रहा है कि चिट्टे का धंधा इनके संरक्षण में चल रहा है, इस चिट्टे के दौर में इसको रोकने के लिए प्राथमिकता बिल्कुल नहीं दी जा रही है, वह इसलिए क्योंकि इसी सरकार के लोग इस धंधे को चला रहे हैं। मुख्यमंत्री को इसकी पूरी जानकारी है फिर भी कुछ नहीं कर रहे हैं, भाजपा ने तय किया है कि कानून व्यवस्था के गंभीर मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाएंगे।

जयराम ने पत्रकारों के सवाल की उत्तर में कहा 9 भाजपा विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का विधानसभा अध्यक्ष के पास कोई भी अधिकार नहीं है, जब केवल इन सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ने सभी नियमों और व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ा दी है। विधानसभा अध्यक्ष केवल मुख्यमंत्री की कठपुतली बनके रह गया है, न जाने मुख्यमंत्री ने उनको किस पदों का प्रलोभन दिया है।
विधानसभा अध्यक्ष को अपनी भाषा पर कोई नियंत्रण नहीं है, वह कहते हैं कि 6 विधायकों के सर कलम कर दिए हैं और 3 आरे के नीचे है, जो फड़फड़ा रहे हैं। यह भाषा दुर्भाग्यपूर्ण है। यह प्रकरण विधानसभा अध्यक्ष की योग्यता की प्रदर्शन पर दाग है, अध्यक्ष निष्पक्ष होता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार बचाने वाली नहीं है, यह हमारी वजह से नहीं परंतु कांग्रेस के अपने विधायकों से ही कांग्रेस को खतरा है ।ऐसा प्रतीत होता है कि सीपीएस मामले के नतीजे से कांग्रेस नेताओ को डर लग रहा है।

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