शिमला, 15 मार्च। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार द्वारा सैंकड़ों संस्थान बंद करने के मुद्दे पर विपक्षी भाजपा द्वारा विधानसभा में लाए गए काम रोको प्रस्ताव के दौरान बुधवार को सदन में जोरदार हंगामा हुआ और दिनभर सदन का माहौल गरमाया रहा। इस दौरान कुछ मौकों पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तू तू-मैं मैं की नौबत भी आई। यही नहीं विपक्षी दल भाजपा इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और पूरा विपक्ष मुख्यमंत्री के जवाब के बाद सदन से उठकर सदन से बाहर चला गया।
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनावों में दी गई 10 गारंटियां उसके बस की बात नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारों ओर अव्यवस्था का दौर चल रहा है। उन्होंने कहा कि जो स्थिति 4 साल किसी सरकार की होती थी, वही स्थिति महज तीन माह बाद प्रदेश सरकार की हो गई है।
जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा कि आपने संस्थान बंद करने की शुरूआत तो कर दी है, लेकिन यह आपको बहुत महंगी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 11 दिसंबर 2022 के बाद के सभी फैसलों की समीक्षा होगी और यदि कांग्रेस इस स्थिति से बचना चाहती है तो सरकार बंद किए गए संस्थानों को खोलने की घोषणा तुरंत करे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार की शुरूआत बहुत खराब हुई है और जो लोग मुख्यमंत्री को गाईड कर रहे हैं, वह गाईड नहीं, मिसगाईड कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस विधायकों को चुनौती दी कि वे लिखकर दें कि जो संस्थान बंद किए हैं, उनकी उन्हें जरूरत नहीं है। तभी हम मानेंगे कि आपमें दम है।
इससे पूर्व, आज विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही भाजपा के सुखराम चौधरी ने नियम-67 के तहत प्रदेश सरकार द्वारा सत्ता संभालते ही 632 संस्थानों को बंद करने का मामला उठाया और विधानसभा के आज के सारे कामकाज को रोककर इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा करवाने की मांग की थी।