शिमला, 24 मार्च। हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को जलशक्ति विभाग में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में आउटसोर्स पर हुई भर्तियों को लेकर शोरगुल हुआ। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जलशक्ति विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने समय में जलशक्ति विभाग में शुद्ध राजनीति की।
अग्निहोत्री ने कहा कि अकेले सराज और धर्मपुर से ही जलशक्ति विभाग में अधिकांश भर्तियां कर दी गई। इस बात का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि धर्मपुर से जहां 950 भर्तियां हुई, सराज से 450 लोग आउटसोर्स पर रखे गए। यही नहीं, प्रदेश स्तर पर आउटसोर्स पर भर्तियां करने के लिए विभाग के अधिशासी अभियंता ने सरकाघाट से ही टेंडर कर दिया, जबकि यह टेंडर प्रदेश मुख्यालय स्तर से होना चाहिए था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि भर्तियों में अपने चहेतों को रखा जा सके।
अग्निहोत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ने विभाग में आउटसोर्स में रखे गए किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला है। उन्होंने यह कहा कि जो पेयजल अथवा सिंचाई योजनाएं बिना कर्मचारियों के है, उन्हें सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कीम वाइज टेंडर कर दिए गए हैं और इन्हें चलाने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि केवल वे कर्मचारी विभाग से बाहर गए हैं, जिनका कांट्रेक्ट खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि जलशक्ति विभाग में सरकार पांच हजार भर्तियां करने जा रही है और इन भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।
इससे पूर्व, विधायक प्रकाश राणा, रणधीर शर्मा और विपिन सिंह परमार के मूल प्रश्न के उत्तर में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जलशक्ति में रखे गए आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाना सरकार का नीतिगत मामला है। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर 2022 से 21 फरवरी 2023 तक 559 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाया गया तथा किसी को भी भर्ती नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलशक्ति विभाग में जलशक्ति विभाग में आउटसोर्स पर 130 पंप आपरेटर, 32 पैरा फीटर और 85 चौकीदारों के पद पर कर्मचारियों को मिलाकर कुल 247 कर्मचारी कार्यरत हैं।