शिमला, 24 मार्च। हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को सत्तापक्ष के एक विधायक की गाड़ियों के चालान का मामला सदन में गूंजा। कांग्रेस विधायक भवानी पठानिया ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत इस मामले को उठाते हुए कहा कि हाल ही में शिमला शहर में उनकी गाड़ी का इसलिए चालान काटा, क्योंकि उस पर फ्लैग रॉड लगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायकों को तंग करने की एक मुहिम सी चली है और ऐसे अधिकारी चालान काट रहे हैं, जिनकी गाड़ियों पर खुद उनके पद की नेम प्लेट लगी है।
विधायक की फ्लैग रॉड लगी गाड़ी के चालान कटने पर सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक उखड़ गए और इसे विधायकों के सम्मान को आहत करने वाला कदम करार दिया। सदस्यों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से इस पर हस्तक्षेप करने को कहा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचता है और उनका मान सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार इस तरह के मामले सामने आए है जिसमें न्यायिक व्यवस्था और सरकार आमने सामने हो जाती है। ऐसे में सभी को कानून का दायरे में रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि विधायक संस्थान को मजबूत बनाने और विधायकों की गरिमा को बनाए रखने के लिए जल्द ही वरिष्ठ विधायकों की एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार विधानसभा सचिवालय की मजबूती के लिए काम करेगी और कैसे विधायकों का मान सम्मान बना रहे, इस पर यह कमेटी काम करेगी और अपनी रिपोर्ट तैयार तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि सभी की अपनी गरिमा है और सब की गरिमा का सम्मान करना सबका कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक कोई भी हो विधानसभा सचिवालय के तहत आता है। उनकी सुविधा का ख्याल रखना विधानसभा सचिवालय का दायित्व है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति कड़ी मेहनत के बाद चुनाव जीतकर विधायक बनता है। उसका मान सम्मान बना रहे यह भी बेहद जरूरी है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एक विधायक की गरिमा का कम होना, विधानसभा सचिवालय के कमजोर होने के बराबर है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की अत्यधिक सक्रियता को गलत करार दिया और कहा कि इस कारण विधायकों के कार्यों में दखल दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह विधायक भवानी सिंह पठानिया का चालान करने वाले न्यायिक अधिकारी से पूछेंगे कि क्या उन्हें अपनी नेम प्लेट वाहन पर लगाने की इजाजत थी। उन्होंने कहा कि सरकार विधायक रॉड कोड पर भी विचार करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह कानून से ऊपर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले में हाईकोर्ट के जज से भी बात करेंगे।
इससे पहले यह मामला उठाने वाले भवानी सिंह पठानिया के समर्थन में उतरे विधायक संजय रतन ने कहा कि यदि अधिकारी गाड़ियों पर अपनी गाड़ियों पर अपनी नेम प्लेट लगा सकते हैं तो फिर विधायक फ्लैग रॉड क्यों नहीं लगा सकते। विधायक प्रकाश राणा ने कहा कि उनकी गाड़ी का जोगिंद्रनगर में इसलिए ट्रैफिक मैजिस्ट्रेट ने छह हजार रुपए का चालान कर दिया क्योंकि गाड़ी में मेडिकल किट नहीं थी।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि विधायक को फ्लैग रॉड देना राज्य का विषय है और इस संबंध में कानून में संशोधन भी हो चुकी है, जिसे सरकार को तुरंत लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक एसपी और डीसी भी फ्लैग नहीं लगा सकते। उन्होंने प्रदेश में सीट बैल्ट का चालान रोकने की भी मांग की।
विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि पुलिस और ट्रैफिक मैजिस्ट्रेट जानबूझकर चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं। विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि उनके वाहन की फ्लैग रॉड को दो दिन पहले ही विधानसभा परिसर में ही पुलिस ने तोड़ने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रोटोकॉल एक बात है, लेकिन शिष्टाचार के नाते एक-दूसरे प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए।
उन्होंने विधायकों पर एक-दूसरे की जड़ें काटने का भी आरोप लगाया और कहा कि इस कारण भी लोगों, खासकर पुलिस और ट्रैफिक मैजिस्ट्रेट विधायकों का सम्मान नहीं कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने अधिकारियों के वाहनों पर फ्लैश लाइटें लगाने का भी विरोध किया और कहा कि अधिकारियों ने अपनी पहचान बनाए रखने के लिए यह जुगाड़ निकाला है।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधायक रवि ठाकुर, बिक्रम सिंह ठाकुर, त्रिलोक जम्वाल, राजेश धर्माणी, मलेंद्र राजन, आशीष बुटेल, केवल सिंह पठानिया, सुरेश कुमार, चंद्रशेखर, चंद्र कुमार और कर्नल धनीराम शांडिल ने भी इस संबंध में अपने-अपने विचार रखे।