आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकालने पर विधानसभा में भारी हंगामा, विपक्ष का वाकआउट

शिमला, 04 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का मुद्दा गरमाने लगा है। यह मसला मंगलवार को विधानसभा में गूंजा और विपक्ष ने इस पर पहले सदन में भारी हंगामा किया। बाद में पूरा विपक्ष सदन से वाकआउट कर बाहर चला गया।

दरअसल सदन की बैठक आरंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था दी कि विपक्ष की ओर से नियम 67 के तहत आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से हटाए जाने के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव मिला है, लेकिन इस मुद्दे पर पहले ही विभिन्न सवालों के माध्यम से सदन में चर्चा हो चुकी है। ऐसे में नियमों के तहत उस मुद्दे पर नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिस पर पहले ही चर्चा हो चुकी है। ऐसे में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देने का कोई औचित्य नहीं है और वह विपक्ष के इस नोटिस को निरस्त करते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष की इस व्यवस्था के बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा आरंभ कर दिया और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगा। इस तरह विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल आरंभ कर दिया। इसके बाद विपक्ष का हंगामा नहीं थमा और पहले काफी देर तक विपक्षी सदस्यों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर नारे लगाए और फिर पूरा विपक्ष हंगामा करते हुए सदन के बीचोंबीच पहुंच गया तथा काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद सभी विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच ही जमीन पर बैठ गए और नारेबाजी करते रहे। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसके बावजूद विपक्ष की चर्चा की मांग नहीं माने जाने पर पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर बाहर चला गया।

इस बीच, विपक्ष के व्यवहार को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों पर जल्द ही कोई नीतिगत निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने रोजगार सृजन के मुद्दे को लेकर कैबिनेट की सब कमेटी गठित की है और इसकी सिफारिशों के आधार पर ही ये नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने का कोई आदेश जारी नहीं किया है।

अग्निहोत्री ने पूर्व भाजपा सरकार के समय एक आउटसोर्स एजेंसी शिमला क्लीनवेज द्वारा की गई अनियमितताओं की जांच की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि इस एजेंसी ने पूर्व भाजपा सरकार के समय तांडव मचा रखा था और यह एजेंसी एक रोजगार कार्यालय की तरह काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस एजेंसी को पूर्व सरकार ने 40 करोड़ रुपए का भुगतान किया है और इस एजेंसी पर नियुक्तियां, भविष्य निधि के पैसे का दुरुपयोग तथा अन्य मुद्दों को लेकर गंभीर आरोप हैं।

उप मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से पूछा कि उन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान आउटसोर्स कर्मियों के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए अभी सौ दिन ही हुई है। इसके बावजूद सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता से बाहर होने के कारण भाजपा हताश है और वह अपनी हार के कारणों पर मंथन करने के बजाय गैर जिम्मेदार विपक्ष की तरह व्यवहार कर रही है। उन्होंने विपक्ष को जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने की सलाह दी।

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