नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 के ग्रैंड फिनाले का वर्चुअल रूप से उद्घाटन किया। उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार, एनईटीएफ के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम और अन्य शिक्षाविदों के साथ-साथ छात्र और सलाहकार देश भर में फैले विभिन्न केंद्रों से वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। यह हैकाथॉन 51 केंद्रों में एक साथ आयोजित हो रहा है।
धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में एसआईएच के विजन से प्रेरित होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह नवाचार और रचनात्मकता का केंद्र बन चुका है, जहां देश भर के छात्र समकालीन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए अपने बौद्धिक कौशल का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि छात्र विकसित भारत के संचालक हैं और उनके नवाचार एवं उत्साह से दुनिया की चुनौतियों का समाधान मिल सकता है। उन्होंने उन्होंने कहा कि देश के युवाओं की प्रतिभा, दूरदर्शिता, कठिन परिश्रम, नेतृत्व और नवाचार भारत को 21वीं सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक विकास मॉडल बनाने के साथ-साथ दुनिया के विकास इंजन के रूप में उभरने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
डॉ. सुकांत मजूमदार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि कैसे एसआईएच ने चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया है, जिससे युवा सोच को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। हैकाथॉन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्रत्येक टीम में कम से कम एक महिला सदस्य शामिल है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का योगदान इस बात की याद दिलाता है कि लैंगिक समानता केवल एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि सतत प्रगति के लिए एक आवश्यकता है। डॉ. मजूमदार ने नवोन्मेषकों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह छात्रों को विचारों को प्रभावशाली वास्तविकताओं में बदलने, उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भरता की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बना रहा है।
संजय कुमार ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि किस तरह नवाचार की अवधारणा ने हमारे मस्तिष्क और शैक्षणिक संस्थानों की संस्कृति में मजबूती से जड़ें जमा ली हैं। उन्होंने मंत्रालय के प्रयासों को बढ़ाने और लीक से हटकर सोचने को बढ़ावा देने में निरंतर मार्गदर्शन के लिए धर्मेंद्र प्रधान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एसआईएच व्यक्तिगत प्रतिभा से आगे बढ़ने और सामूहिकता की शक्ति का दोहन करने का अवसर प्रदान करता है, क्योंकि छात्र सहयोगात्मक और रचनात्मक रूप से समस्याओं का समाधान विकसित करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को दोहराते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन विचारों में आत्मनिर्भरता भी शामिल है।
इस वर्ष के संस्करण के कुछ रोचक समस्या विषयों में इसरो द्वारा प्रस्तुत ‘चंद्रमा पर अंधेरे क्षेत्रों की छवियों को बेहतर बनाना’, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत ‘एआई, उपग्रह डेटा, आईओटी और गतिशील मॉडल का उपयोग करके एक वास्तविक समय गंगा जल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली विकसित करना एवं आयुष मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत ‘एआई के साथ एकीकृत एक स्मार्ट योगा मैट विकसित करना’ शामिल हैं।
इस वर्ष 54 मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और उद्योगों द्वारा 250 से अधिक समस्या विवरण प्रस्तुत किए गए हैं। संस्थान स्तर पर आंतरिक हैकथॉन में 15 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई है, जो एसआईएच 2023 में 900 से बढ़कर एसआईएच 2024 में 2247 से अधिक हो गई है, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा संस्करण बन गया है। संस्थान स्तर पर एसआईएच 2024 में 86000 से अधिक टीमों ने भाग लिया है और लगभग 49,000 छात्र टीमों (प्रत्येक में 6 छात्र और 2 संरक्षक शामिल हैं) को राष्ट्रीय स्तर के दौर के लिए इन संस्थानों द्वारा अनुशंसित किया गया है।