शिमला। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड को अपनी परिसंपत्तियों जैसे भवन आदि का समुचित उपयोग करने के लिए इन संपत्तियों को किसी संस्था या सरकारी उपक्रम को किराये पर देना चाहिए। यह बात उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने आज यहां हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के निदेशक मण्डल की 239वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
निदेशक मण्डल ने खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की संपत्तियों को किराए पर दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की ताकि बोर्ड को आय प्राप्त हो।
निदेशक मण्डल द्वारा वर्ष 2024-25 के संशोधित और 2025-26 के अनुमानित बजट प्रस्ताव क्रमशः 8,90,34,000 रुपये व 9,00,62,000 रुपये का अनुमोदन किया तथा स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए।
बोर्ड द्वारा प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में दिसम्बर तक 62 प्रतिशत का वित्तीय लक्ष्य प्राप्त किया गया तथा 143 उद्यमियों को सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने के लिए 6,02,77,000 रुपये अनुदान राशि वितरित की गई जिसमें लगभग 1,150 रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
केन्द्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार निदेशक मण्डल द्वारा बोर्ड के सेवानिवृत कर्मचारियों को संशोधित सेवानिवृति उपदान (ग्रेच्युटी) के भुगतान की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का अनुमोदन किया गया और स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए।
इससे पूर्व, मुख्य कार्यकारी अधिकारी खादी बोर्ड प्रशांत सरकैक ने निदेशक मण्डल को हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की गतिविधियों तथा 238वीं बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार की गई कार्यवाही के सम्बंध में जानकारी दी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग आरडी नज़ीम, निदेशक उद्योग डॉ. युनुस, विशेष सचिव वित्त सौरभ जस्सल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।