शिमला, 19 अप्रैल। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्ष 1970 में स्थापित हुए इस विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक अत्यंत प्रभावशाली भूमिका निभाई है। इस संस्थान के पूर्व छात्रों ने कला, चिकित्सा, न्यायपालिका, खेल-कूद, समाज सेवा, राजनीति और प्रशासन सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी विशेष छाप छोड़ी है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और शिक्षकों के मार्गदर्शन में आप सभी सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे तथा हिमाचल प्रदेश और पूरे भारत का मस्तक ऊंचा करेंगे।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल की यह धरती तप और त्याग तथा अध्यात्म और धर्म की पावन भूमि है। इस धरती ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अनगिनत वीरों को जन्म दिया है।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इस भूमि से आकर्षित होकर यहां पर प्रवास के लिए आए थे। लम्बे समय तक यह देश का ‘समर कैपिटल’ शिमला का भारतीय जनमानस के हृदय में एक विशेष स्थान है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन का प्रभाव शिमला की इकोलॉजी पर भी पड़ रहा है। ऐसी परिस्थितियों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह स्थानीय समुदाय की जरूरतों और इस क्षेत्र के पारिस्थितिक चुनोतियों को ध्यान में रख कर अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा दे और विकास के लिए पर्यावरण अनुकूल समाधान विकसित करने में योगदान दें।
द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि हिमालय का यह क्षेत्र, जीव-जन्तुओं और विभिन्न प्रकार की समृद्ध वनस्पतियों से भरपूर है। राज्य की समृद्ध प्राकृतिक विरासत का संरक्षण करते हुए सतत विकास के लक्ष्य की ओर सरकार और सभी हितधारकों को मिलकर आगे बढ़ना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। महिलाओं की उन्नति को देख कर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है। मेरा मानना है कि महिलाओं के विकास में ही देश का विकास है और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में महिलाओं का योगदान एक अहम भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य के लिए सभी महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना पहला और बहुत महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जताई कि हिमाचल विश्वविद्यालय में पढ़ रहे लगभग एक लाख विद्यार्थियों में से 70 प्रतिशत लड़कियां हैं। उन्होंने कहा कि आज स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले लगभग 100 विद्यार्थियों में से 70 लड़कियां हैं और मुझसे पदक प्राप्त करने वाले दस विद्यार्थियों में से भी सात लड़कियां हैं।
द्रोपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षा में हमारी बेटियों की यह प्रतिभा देख कर मुझे बहुत गर्व होता है। एक अच्छा शैक्षिक संस्थान वह है जहां प्रत्येक विद्यार्थी का स्वागत किया जाता है और उसके सम्पूर्ण विकास के लिए एक सुरक्षित और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रपति ने इस बात पर भी प्रसन्नता जताई कि विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा और हॉस्टल की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा में उच्च नामांकन के लिए की गयी यह एक सराहनीय पहल है।