शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ यूनेस्को प्रतिनिधियों की राज्य सचिवालय में हुई अहम बैठक
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अब इन प्रयासों को वैश्विक स्तर पर मजबूती देने के लिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को-UNESCO) से सहयोग लिया जाएगा। इसी दिशा में यूनेस्को की टीम ने शिमला स्थित राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मुलाकात की।
इस महत्वपूर्ण बैठक में यूनेस्को के भारत में प्रतिनिधि जॉयस पोम (Joyce Poem) और श्रद्धा चिक्केरूर (Shraddha Chickerur) ने भाग लिया। बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और आईपीई ग्लोबल (IPE Global) के वरिष्ठ निदेशक शैलेंद्र शर्मा, एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट डॉ. शशीरंजन झा और मैनेजर देवाशीष यादव मौजूद रहे। बैठक में चर्चा का मुख्य उद्देश्य उन क्षेत्रों की पहचान करना था, जिनमें यूनेस्को हिमाचल सरकार को सहयोग प्रदान कर सकता है।
बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रदेश में बीते दो वर्षों में सरकार द्वारा किए गए शिक्षा सुधारों की विस्तृत जानकारी यूनेस्को प्रतिनिधियों को दी। उन्होंने बताया कि स्कूलों के कंसोलिडेशन की योजना पर सरकार कार्य कर रही है, जिससे संसाधनों और शिक्षकों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इसके माध्यम से प्रत्येक स्कूल में पर्याप्त शिक्षक, खेल सुविधाएं और सह-शैक्षिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो और स्कूल उत्कृष्टता के केंद्र बन सकें। बैठक में 21वीं सदी के कौशल विकास, खेलों के माध्यम से शिक्षा सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। यूनेस्को टीम ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश सरकार को सहायता प्रदान करने की पेशकश की।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता लगातार उच्च स्तर पर पहुंच रही है। हाल ही में आई असर रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश कई मापदंडों पर देशभर में शीर्ष स्थान पर रहा है। सरकार इस उपलब्धि को और आगे बढ़ाना चाहती है और इसमें यूनेस्को की विशेषज्ञता व सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने बताया कि हिमाचल सरकार संपूर्ण विद्यालय (Whole School Approach) पर काम कर रही है। इस योजना के तहत सभी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती और एक समावेशी शिक्षा प्रणाली को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा बैठक में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (School of Excellence) योजना पर भी गहन चर्चा हुई। इस योजना के अंतर्गत हिमाचल में मॉडल स्कूलों की स्थापना की जाएगी, जो देशभर के लिए एक आदर्श बनेंगे। यूनेस्को ने इन प्रयासों में हिमाचल सरकार को आवश्यक सहयोग प्रदान करने की इच्छा जताई है।
बैठक के समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने यूनेस्को टीम का स्वागत करते हुए उन्हें आगामी विस्तृत चर्चा के लिए हिमाचल पुनः आमंत्रित किया। यह पहला संवाद था और आगामी दौर की वार्ताओं में सहयोग के ठोस कार्य योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। हिमाचल सरकार और यूनेस्को के बीच यह संभावित साझेदारी प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक मानकों तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।