शिमला। अरुणाचल प्रदेश में जल विद्युत विकास में तीव्रता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एसजेवीएन ने दिबांग घाटी में 3097 मेगावाट की एटालिन जल विद्युत परियोजना के लिए भूमि मुआवजे के रूप में 269.97 करोड़ रुपए जारी किए हैं।
अरुणाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री पेमा खांडू की अध्यक्षता में आज तवांग में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान, राज कुमार चौधरी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (अतिरिक्त प्रभार), एसजेवीएन ने बताया कि भूमि मुआवजे की राशि दिनांक 26 मार्च, 2025 को डीसी एंड डीएलआरएसओ, दिबांग घाटी के संयुक्त खाते में जमा कर दी गई है।
समीक्षा बैठक में माननीय उपमुख्यमंत्री, चोवना मेन, मुख्य सचिव, अरुणाचल प्रदेश सरकार, मनीष कुमार गुप्ता, आयुक्त (विद्युत), सोनम चौम्बे, अरुणाचल प्रदेश सरकार के सलाहकार, एच.के. पालीवाल, सचिव (एलएम), अरुणाचल प्रदेश सरकार, ए.के. सिंह तथा राज्य सरकार और एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
माननीय मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की और परियोजना के सततशील विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक मंजूरियों में तीव्रता लाने हेतु राज्य सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राज कुमार चौधरी ने कहा कि “एसजेवीएन अरुणाचल प्रदेश के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इस मुआवजे की राशि को जारी करना राष्ट्र के संरचनात्मक ढांचे के विकास को सुनिश्चित करते हुए स्थानीय समुदायों के अधिकारों का सम्मान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
एसजेवीएन ने अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ 3097 मेगावाट की एटालिन जलविद्युत परियोजना के साथ-साथ राज्य में कुल 5097 मेगावाट क्षमता की चार अन्य जलविद्युत परियोजनाओं के लिए दिनांक 12 अगस्त 2023 को समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजनाएं दिबांग घाटी जिले में अवस्थित हैं तथा इनसे लगभग 60,000 करोड़ रुपए का संयुक्त निवेश होगा।
एटालिन लविद्युत परियोजना में दो बांधों एक ड्रि नदी पर और दूसरा तालो (टैंगोन) नदी के साथ भूमिगत विद्युत गृह कॉम्प्लेक्स के निर्माण की परिकल्पना की गई है। इस परियोजना की कमीशनिंग दिसंबर 2033 में निर्धारित है।