हिमाचल को बच्चों के आधार नामांकन और आधार आधारित प्रमाणीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

SHIMLA. हिमाचल प्रदेश को बच्चों के लिए उच्चतम आधार नामांकन दर प्राप्त करने और आधार आधारित प्रमाणीकरण के लिए तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देने में हिमाचल प्रदेश को देश में अग्रणी स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस) गोकुल बुटेल ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को ये पुरस्कार प्रस्तुत किए।
ये पुरस्कार हाल ही में नई दिल्ली में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा आयोजित ‘आधार संवाद’ कार्यक्रम के दौरान डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने प्राप्त किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर यह मान्यता प्रदेश की सार्वभौमिक आधार कवरेज सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है, जिसका उद्देश्य सबसे कम उम्र की जनसंख्या का आधार कवरेज सुनिश्चित करना है। डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस विभाग की विस्तृत कार्ययोजना और व्यापक रणनीति ने इस मील पत्थर को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय स्तर का ये पुरस्कार हिमाचल प्रदेश की सार्वभौमिक आधार कवरेज प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें इसकी बाल जनसंख्या पर विशेष बल दिया गया है। राज्य ने पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के बीच 64 प्रतिशत की प्रभावशाली आधार कवरेज की उपलब्धि हासिल की है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है।
श्री सुक्खू ने कहा कि डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस विभाग ने राज्य के स्कूलों में विशेष आधार नामांकन शिविर लगाकर सुनिश्चित किया, जिससे स्कूल के बच्चों तक प्रभावी पहुंच सुनिश्चित हुई। जिला प्रशासन और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मजबूत और सक्रिय समन्वय के फलस्वरूप यह अभियान सफल रहा। इसके अतिरिक्त जागरूकता अभियानों ने समुदायों को बाल आधार नामांकन के लाभों के बारे में शिक्षित किया और जमीनी स्तर पर टीमों ने लोगों को जागरूक किया।
मुख्यमंत्री ने विभाग के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और विभाग को डिजिटल प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग के माध्यम से राज्य में अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन सुलभ बनाकर लोगों को उपलब्ध होने वाली सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार के ये प्रयास लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के उच्चतम उपयोग की प्रतिबद्धता को इंगित करते हैं।
उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय सम्मान हिमाचल प्रदेश सरकार और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग की दूरदर्शिता, समर्पण और प्रभावी कार्यान्वयन रणनीतियों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। राज्य की नवोन्मेषी पहल विशेष रूप से जन्म के समय आधार नामांकन का एकीकरण, सार्वभौमिक आधार कवरेज के लिए सरकार के प्रयास अन्य राज्यों के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर रही है। हिमाचल प्रदेश ने बाल आधार नामांकन में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश सरकार लोगों को प्रतिबद्धता से डिजिटल प्रौद्योगिकी के लाभ प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस ) गोकुल बुटेल ने कहा कि इस सफलता का आधार जन्म के समय आधार नामांकन का सक्रिय एकीकरण रहा है। एक रणनीतिक पहल के माध्यम से, हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक डिलीवरी प्वाइंट को एक नामित, नजदीकी आधार आपरेटर के साथ सावधानीपूर्वक जोड़ा गया है। ये ऑपरेटर नियमित रूप से संस्थानों का दौरा करते हैं, जिससे माता-पिता को स्वास्थ्य सुविधा के भीतर ही जन्म के तुरंत बाद अपने नवजात शिशुओं को आधार के लिए पंजीकृत करने का एक सहज और सुविधाजनक अवसर मिलता है। विभाग के इस प्रयास से बच्चों को उनके शुरुआती चरण में ही आधार नामांकन में शामिल करके नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
श्री बुटेल ने इस अवसर पर डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस द्वारा तैयार 2024-25 के लिए वार्षिक रिपोर्ट कार्ड भी मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने डिजिटल क्रांति लाने और विशेष रूप से हिम परिवार जैसी पहल के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की, जिससे राज्य में कल्याण और सामाजिक परिदृश्य में व्यापक सुधार हो रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव, डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस राखिल काहलों, डिजिटल टैक्नोलॉजीज़ एंड गवर्नेंस विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल, अतिरिक्त निदेशक राजीव शर्मा और संयुक्त निदेशक अनिल सेमवाल भी उपस्थित थे।

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