शिमला-रामपुर नेशनल हाइवे पर भूस्खलन, यातायात घण्टों ठप

शिमला, 25 मई। हिमाचल प्रदेश में झमाझम हो रही वर्षा से गर्मियों के सीजन में भी बरसात जैसे हालात हो गए हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीती रात हुई व्यापक बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं होने लगी हैं। शिमला से 35 किलोमीटर दूर ठियोग उमण्डल में भूस्खलन होने से शिमला-रामपुर नेशनल हाइवे-5 पर गुरुवार सुबह से यातायात पूरी तरह ठप है। ठियोग बाजार से महज 200 मीटर की दूरी पर अचानक सड़क का एक हिस्सा धंस गया, जिस कारण हाइवे पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया और यात्रियों को कई तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं और राजधानी से ऊपरी शिमला का सम्पर्क कट गया।

दरअसल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह हाइवे हिंदुस्तान-तिब्बत हाइवे के तौर पर जाना जाता है, जो जनजातीय जिला किन्नौर से होते हुए तिब्बत सीमा की ओर जाता है।

इस हाइवे के अवरुद्ध होने पर नेशनल हाइवे अथॉरिटी तुरंत हरकत में आई और मशीनरी लगाकर हाइवे को बहाल करने में जुट गया है।

भूस्खलन की वजह से लंबे रूट की रामपुर व रोहड़ू बस फंसने से यात्रियों को अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा कोटखाई, जुब्बल, चौपाल, नेरवा, किन्नौर और नारकंडा जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी हुई। इससे स्कूली बच्चे, कामकाजी लोग व दफ्तर जाने वाले कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच पाए।

नेशनल हाइवे अथॉरिटी से मिली जानकारी के मुताबिक दोपहर तक शिमला-रामपुर हाइवे पर ठियोग में अवरुद्ध सड़क को एकतरफा यातायात के लिए खोला गया है।

इस बीच शिमला पुलिस ने ऊपरी शिमला समेत किन्नौर की यात्रा करने वाले वाहन चालकों से आवाजाही के लिए वैकल्पिक सड़कों का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है। इस बारे ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है।

इसके मुताबिक रोहड़ू, कोटखाई और चौपाल की ओर से शिमला आने वाले वाहन तथा शिमला से रोहड़ू, कोटखाई तथा चौपाल जाने वाले वाहन सैंज-धमांधरी-फागू रोड़ को इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है। इसी तरह रोहड़ू, कोटखाई और चौपाल की ओर से सोलन और सोलन से रोहड़ू, कोटखाई तथा चौपाल जाने वाले  वाहन वाया सैंज-बलग-सोलन रोड़ का इस्तेमाल करें। वहीं रामपुर से शिमला और शिमला से रामपुर जाने वाले वाहन वाया सुन्नी-बसंतपुर रोड़ का इस्तेमाल करें।

बता दें कि शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीती रात तेज़ बारिश हुई। कई जगह अंधड़ चलने से पेड़ धराशायी हुए और बिजली गुल रही। मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आया है। कांगड़ा में 54, ऊना में 46, नारकंडा में 43, सुंदरनगर में 42,  जुब्बड़हट्टी में 40 और शिमला में 32 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

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