करसोग। हिमाचल प्रदेश के उपमंडल करसोग में बीते दिनों हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते जहां एक ओर 40 से अधिक सड़कें भूस्खलन, मलबा गिरने और जलभराव के कारण बंद हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र की नौ प्रमुख जलापूर्ति योजनाएं भी गाद और मिट्टी के कारण ठप हो गई हैं। इससे यातायात से लेकर जल संकट तक लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़क संपर्क पूरी तरह बाधित, ₹1.10 करोड़ की संपत्ति को नुकसान
हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (HPPWD) के अधिशाषी अभियंता सुरेश चंदेल ने जानकारी देते हुए बताया कि भारी बारिश के कारण करसोग मंडल की कुल 40 सड़कें बंद हैं। इनमें प्रमुख रूप से ललाग चलोहणी-वाया कलेहणी रोड, चिंदी डचैन रोड, लठेहरी-खडकन रोड, पुन्नी-नसवर रोड, ममेल-मेहंदी रोड, करसोग-परलोग रोड, सुरसी-कणी-मंडलाह रोड, काओ-भनेरा रोड, काओ-खडूना रोड, भनेरा-कोटलू रोड, केलोधार-सैंज रोड, चौरीधार-कोटलू रोड, करसोग-कांडा रोड, महावन-डमेहल रोड, केलोधार-छत्री रोड, बाग-पोखी रोड, खन्योल-सिद्ध चवासी रोड, सेरी-बगौंड रोड, कुठेड़-रसोग-डौम रोड, साकेलाड-महोग वाया नाविधार रोड, साकेलाड-तुंमण रोड, टेबन-जै रोड, कोटी नाला-टेबन रोड, सराहन-हरिपुर रोड, सेखवा-सरांदी रोड, अशला-चलाह रोड, कोटलू-नैंज रोड, नराश-बेगो रोड, सर्कोल नाला-पथरों रोड, करसोग बाईपास रोड, रुहाणी-मनोला रोड, रंगण-घेणी-शैंधल रोड, कुफरी-कढ़ा वाया शंश रोड, महुनाग-सारटयोला रोड, बगशाड-महुनाग वाया सेरी रोड, कहानू-परांगण रोड, बलिंडी-कांडा रोड, अलसिंडी-बडेयोग रोड, तलेहन-दवारू रोड और महोटा-बगशाड रोड शामिल हैं।
इन सड़कों के बंद होने से कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है और आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है।
प्रारंभिक आंकलन के अनुसार लगभग 1.10 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। सड़क बहाली के लिए विभाग द्वारा 15 जेसीबी और 6 टिपर वाहनों को मौके पर तैनात किया गया है। हालांकि, लगातार हो रही बारिश के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है। विभाग ने कुछ सड़कों पर मलबा हटाने का कार्य आरंभ कर दिया है।
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
जल संकट: गाद से बढ़ा टर्बिडिटी स्तर, नौ योजनाएं बंद
भारी बारिश का असर केवल सड़कों पर ही नहीं, बल्कि जल स्रोतों पर भी पड़ा है। बारिश के कारण जल स्रोतों में गाद और मिट्टी घुल जाने से टर्बिडिटी का स्तर काफी बढ़ गया है, जिससे 9 जलापूर्ति योजनाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। इससे दर्जनों गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है।
जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार ने बताया कि विभाग की टीमें बहाली कार्य में जुटी हैं और यदि हालात सामान्य हुए तो आज देर शाम तक आपूर्ति बहाल की जा सकती है।
प्रभावित जल योजनाएं:
मैटेहल बगैला योजना – कुण्हू, टकरोल, बरशोल
पुनी-लोल रिउनी योजना – लोल, रिउनी, बगसलाना, डोगरी
भनेरा पर्ला बडेला योजना – भडेला, कांडी, कंडलू, कुटाच
बी फनानी योजना – कुफ़शन, शवालू, बी, शेष
डोहाल मंडप योजना – मंडप, डोहाल, धरेगड़ा, बियूल, डोगरी
बगैला बहनू योजना – बहनू, बकहैड़ी, नरोल, धारठा
बगैला योजना – पांडेहर, पटलू, कोटलू, घालोग
मैटेहल योजना – शिलगढ़, कंगर, थाबलोट, ढांगडू
डबरोट योजना – डबरोट, कशौल
वैकल्पिक जलापूर्ति शुरू, प्रशासन की अपील
जल शक्ति विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों और अन्य वैकल्पिक माध्यमों से जलापूर्ति शुरू की गई है, लेकिन दुर्गम क्षेत्रों में यह कार्य अत्यधिक चुनौतीपूर्ण सिद्ध हो रहा है।
प्रशासन ने लोगों से पानी उबालकर पीने और जल का सीमित उपयोग करने की अपील की है, जिससे जलजनित बीमारियों से बचाव सुनिश्चित किया जा सके।