शिमला, 05 जून। हिमाचल प्रदेश के पांच स्कूल पर्यावरण का अलख जगा रहे हैं। शिक्षा के मंदिर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए ‘ग्रीन स्कूल अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। इनमें चार सरकारी स्कूल शामिल हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था सेंटर फार साइंस एंड एनवायरमेंट (सी.एस.ई.) के ग्रीन स्कूल प्रोग्राम (जीएसपी) के तहत स्कूलों की पर्यावरण व्यवस्था के आधार पर अलग-अलग वर्ग में सम्मानित किया गया। पर्यावरण के अनुकूल माहौल बनाए रखने के लिए सोलन जिला को इस बार भी राज्य का सर्वश्रेष्ठ जिला घोषित किया गया। पिछले चार वर्षों से सोलन जिला पूरे प्रदेश में अव्वल आ रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर सोमवार को शिमला स्थित राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ग्रीन स्कूल अवार्ड प्रदान किए।
पर्यावरण के तय मानकों पर सोलन और हमीरपुर जिला के स्कूलों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
सोलन जिला के जीएमबी स्कूल नालागढ़ और कसौली इंटरनेशनल स्कूल को चेंजमेकर स्कूल अवार्ड प्रदान किया गया है। चंबा जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हिमगिरी को लैंड मैनेजर अवार्ड मिला है। हमीरपुर जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुलेला को वेस्ट वैरियर अवार्ड और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुल्हेड़ा को एनर्जी मैनेजर अवार्ड से नवाजा गया। प्रत्येक वर्ष ये पुरस्कार सीएसई और हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद के सहयोग से दिए जाते हैैं।
दरअसल सीएसई का ग्रीन स्कूल प्रोग्राम एक पहल है जो स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को उनके परिसरों पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सीएसई के डिप्टी प्रोग्राम मैनेजर नीरज कुमार ने बताया कि स्कूलों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए ग्रीन स्कूल अवार्ड दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2012 में सीएसई के ग्रीन स्कूल प्रोग्राम को जॉइन किया था। तब 44 स्कूलों ने इसमें हिस्सा लिया था। वर्ष 2022 में ग्रीन स्कूल प्रोग्राम में भागीदारी करने वाले हिमाचल के स्कूलों की संख्या 800 से अधिक पहुंच गई है।