प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वतंत्रता दिवस पर किसानों को श्रद्धांजलि: भारत का आधार बताया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 79 वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत के किसानों को एक भावनात्मक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक राष्ट्र की यात्रा का आधार कहा है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे औपनिवेशिक शासन ने देश को गरीब बना दिया था, लेकिन यह किसानों के अथक प्रयासों ने ही भारत के अन्न भंडार भरे और राष्ट्र की खाद्य संप्रभुता को सुरक्षित किया। श्री मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय कृषि के भविष्य के लिए एक स्पष्ट रूपरेखा के साथ हार्दिक आभार व्यक्त किया।

किसान – भारत की समृद्धि का आधार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का सीधा लाभ किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को मिल रहा है। आज, भारत का स्थान है:

  • दूध, दलहन और जूट उत्पादन में विश्व स्तर पर पहले नंबर पर।
  • चावल, गेहूं, कपास, फल और सब्जियों में दूसरे नंबर पर।

कृषि निर्यात अब 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय अंतराल को और कम करने के लिए 100 सबसे पिछड़े कृषि जिलों को ध्यान में रखते हुए पीएम धन्य धान्य कृषि योजना की घोषणा की।

अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने घोषणा की, किसानोंमछुआरों और पशुपालकों के लिए मोदी हमेशा सुरक्षा की दीवार के रूप में खड़े रहेंगे।‘’

सिंधु जल संधि – भारत के हित पहले

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सिंधु जल संधि को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि इस समझौते ने अपने मौजूदा स्वरूप में भारत के किसानों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने घोषणा की कि भारत अब इस तरह की एकतरफा व्यवस्था को स्वीकार नहीं करेगा और अपने खेतों और लोगों के लिए पानी के अपने सही हिस्से को पुनः प्राप्त करेगा।

कृषि आत्मनिर्भरता – उर्वरक और निवेश

प्रधामंत्री मोदी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा को आयात के लिए असुरक्षित नहीं छोड़ा जा सकता है। उन्होंने उर्वरकों और प्रमुख आदानों के घरेलू उत्पादन की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय किसान सशक्त हों और भारत की कृषि स्वतंत्र रूप से संपन्न हो। उन्होंने कहा कि यह न केवल किसानों के कल्याण के लिए बल्कि देश की आर्थिक संप्रभुता को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

हमारी योजनाओं के कारण अधिक आश्वस्त किसान:

प्रधानमंत्री मोदी ने किसान की ताकत की प्रशंसा की, यह देखते हुए कि चाहे छोटे किसान, पशुपालक, या मछुआरे, सभी को कई विकास योजनाओं से लाभ हो रहा है।

पीएम किसान सम्मान निधि, वर्षा जल संचयन, सिंचाई परियोजनाएं, गुणवत्तापूर्ण बीज वितरण और समय पर उर्वरक आपूर्ति जैसी पहलों ने मिलकर देश भर में किसानों का विश्वास बढ़ाया है।

किसानों की सुरक्षा के लिए एक दीवार

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के इस हिस्से को एक संकल्प के साथ समाप्त किया, जो पूरे देश में गूंजता था:
भारत के किसानोंपशुपालकों और मछुआरों से जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के आगे मोदी दीवार बन कर खड़ा है। भारत अपने किसानों के हितो के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।

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