शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मोबाइल लाइब्रेरी को हरी झंडी दिखाकर माई बुक माई स्टोरी अभियान की शुरुआत की, प्रदेश के 10 हजार स्कूलों में जाएगी मोबाइल लाइब्रेरी

 

समग्र शिक्षा के तहत शुरू अभियान में बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित

शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज राज्य सचिवालय से ‘माई बुक माई स्टोरी’ अभियान की शुरुआत की। समग्र शिक्षा के तहत प्रारंभ किए गए इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करना और पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने एक मोबाइल लाइब्रेरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा, स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली तथा समग्र शिक्षा के कोऑर्डिनेटर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
समग्र शिक्षा की यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है और प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सक्रिय एवं वाइब्रेंट लाइब्रेरियां बनाने की व्यापक सोच को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस अभियान के तहत प्रदेश के करीब 10 हजार प्राथमिक और मिडल स्कूलों में यह वैन जाएगी और बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के सहयोग से शुरू किए गए इस कंपेन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि स्कूलों की लाइब्रेरी में रखी गई पुस्तकों का सही ढंग से उपयोग हो और विद्यार्थी उनमें रुचि लें।

*बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करना जरूरी : शिक्षा मंत्री*
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि ‘माई बुक माई स्टोरी’ अभियान का मूल उद्देश्य बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि समय के साथ बच्चों की किताबों में रुचि कम होती जा रही है। आज शिक्षा में डिजिटल गैजेट्स का प्रयोग तेजी से बढ़ा है, लेकिन किताबों का महत्व और उनका अनुभव किसी भी आधुनिक तकनीक या गैजेट से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मोबाइल लाइब्रेरी के माध्यम से पूरे प्रदेश में पढ़ने की संस्कृति को मजबूत किया जाएगा और इसे बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा बनाया जाएगा। सभी स्कूलों तक पहुंचने वाली यह पहल न केवल बच्चों को पढ़ने के प्रति प्रेरित करेगी, बल्कि उन्हें गंभीरता और आत्मनिष्ठा के साथ अध्ययन की आदत भी डालेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में यह अभियान बच्चों की सोच और व्यक्तित्व पर गहरा सकारात्मक प्रभाव डालेगा और इसके निश्चित रूप से अनुकूल परिणाम सामने आएंगे।

*बच्चों को आयु अनुरूप पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित करना मकसद : राजेश शर्मा*
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि यह अभियान बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि बच्चे या तो किताबों में रुचि नहीं लेते या वे अपनी आयु के अनुरूप पुस्तकें नहीं पढ़ते। ऐसे में आवश्यक है कि बच्चों में उम्र के अनुसार उपयुक्त व आकर्षक पुस्तकें पढ़ने की रुचि उत्पन्न हो।
उन्होंने कहा कि शिक्षा सचिव राकेश कंवर लगातार इस बात पर जोर देते हैं कि विद्यार्थी अधिक से अधिक किताबें पढ़ें और लाइब्रेरियों का सक्रिय उपयोग करें। यह अभियान न केवल बच्चों में पुस्तकों के प्रति आकर्षण उत्पन्न करेगा, बल्कि इससे यह आकलन भी हो सकेगा कि स्कूलों की लाइब्रेरियों में उपलब्ध पुस्तकों का वास्तविक उपयोग कितना हो रहा है। इस दिशा में एक फीडबैक प्रणाली भी विकसित होगी, जिससे आगे सुधारात्मक कदम उठाए जा सकेंगे।

*अभियान के अंतर्गत प्रमुख गतिविधियां*
यह अभियान 8 सितंबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत मोबाइल लाइब्रेरी प्रदेश के दस हजार प्राथमिक व मिडल स्कूलों में जाएगी। अभियान इस दौरान सभी स्कूलों में बच्चों की उम्र के अनुसार किताबों का प्रदर्शन किया जाएगा और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके तहत प्रत्येक दिन 15–20 मिनट का ‘प्लेज रीडिंग टाइम’ होगा, ताकि बच्चों में नियमित रूप से पढ़ने की आदत विकसित हो सके। सोमवार और शुक्रवार को ‘रीड-अलाउड’ सेशन आयोजित किए जाएंगे, जिनमें शिक्षक या विद्यार्थी कहानियां ज़ोर से पढ़ेंगे और अन्य बच्चे उन्हें ध्यानपूर्वक सुनेंगे।
शिक्षक, अभिभावकों और विद्यार्थियों को घर पर पढ़ने के लिए ‘लिटरेसी क्लाउड’ से चुनी हुई कहानियों के लिंक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भेजे जाएंगे। ये लिंक रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे।
वहीं, 1 सितंबर को ‘रीड-ए-थॉन’ कार्यक्रम के तहत “ड्रॉप एवरीथिंग एंड रीड” गतिविधि आयोजित होगी, जिसमें सभी विद्यार्थी और शिक्षक एक ही समय पर किताबें पढ़ेंगे। इसके अतिरिक्त, माई बुक माई स्टोरी अभियान के अंतर्गत बच्चों के जीवन पर पढ़ाई और बुनियादी साक्षरता के सकारात्मक असर को दर्शाने वाली तीन छोटी कहानियों के वीडियो भी बनाए जाएंगे, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में प्रदर्शित किया जाएगा। यह अभियान 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर संपन्न होगा। समापन अवसर पर स्कूलों में विशेष कार्यक्रम होंगे, जिनमें पढ़ाई के महत्व पर चर्चा की जाएगी और सबसे अधिक किताबें पढ़ने वाले तथा नियमित रूप से लाइब्रेरी का उपयोग करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा।

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