शिमला, 10 जून। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 12 जून यानी सोमवार को एक दिवसीय बाल सत्र का आयोजन किया जाएगा। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के उपलक्ष्य पर ये सत्र होने जा रहा है। इस बाल सत्र में 17 साल से कम आयु के 68 बच्चे भाग ले रहे हैं। मंडी जिला के सुंदरनगर की दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली जानवी का चयन मुख्यमंत्री के लिए हुआ है। यह बच्चे हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्वाधान में तीन माह तक चले बच्चों की सरकार कैसी हो, अभियान के तहत चुने गए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने शनिवार को प्रेस वार्ता में बताया कि बाल सत्र के लिए 68 में से 63 बच्चे हिमाचल के चयनित हुए हैं, जबकि पांच बच्चे अन्य राज्यों के हैं। बाल सत्र में मुख्यमंत्री समेत मंत्री व सदस्य भी मौजूद रहेंगे। विस अध्यक्ष ने कहा कि बच्चों के मनोबल को बढ़ाने के लिए व देश के उज्ज्वल लोकतंत्रिक भविष्य की नीव रखने के लिए बाल सत्र का आयोजन किया जा रहा है। बच्चों की एंट्रीज देश भर के कुल नौ राज्यों से आयी थी, जिनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, गुजरात, असम और बिहार राज्य है।
उन्होंने कहा कि आखिरी चरण में बच्चों द्वारा उठाये गये मुद्दों की अहमियत एवं सुझावों की ज़रूरत के आधार पर 68 बच्चों का चयन किया गया है। सत्र के लिए 40 लड़कियों व 28 लड़कों का चयन हुआ है।
बाल सत्र में मुख्यमंत्री की भूमिका में नजर आने वाली
सुंदरनगर की जाह्नवी ने प्रेस वार्ता के दौरान वर्तमान परिदृश्य में राजनीति पर अपने विचार रखे और आज के समय में राजनेताओं और सरकारों को किस तरह से काम करना चाहिए इस पर भी अपनी राय रखी।
जाह्नवी ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी प्राथमिकता शिक्षा एवं स्वास्थ्य में सुधार करने की होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति में पढ़े लिखे लोग आने चाहिए और चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की जानी चाहिए, ताकि देश व प्रदेश का ईमानदारी से आगे बढ़ाया जा सके। जाह्नवी ने कहा कि वह राजनीति में न जाकर प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती है।