शिमला, 15 जून। चम्बा जिला के सलूणी उपमण्डल के किहार थाने के अंतर्गत भांदल पंचायत में हिन्दू युवक मनोहर की जघन्य हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस हत्याकांड से आक्रोशित स्थानीय लोगों की बेकाबू भीड़ ने गुरुवार को आरोपियों के गांव पहुंचकर उनका घर जला दिया। भीड़ ने किहार थाने में भी घुसने की कोशिश की और एसडीपीओ की गाड़ी पर पथराव किया। पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड को लेकर खुलासा किया है।
एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी ने गुरुवार को इस मामले की विस्तृत जानकारी सांझा की। उन्होंने मीडिया को बताया कि मृतक युवक छह जून को लापता हुआ था। नौ जून को उसका क्षत-विक्षत शव टुकड़ों में बरामद हुआ।
हत्या की प्रारम्भिक वजह का खुलासा करते हुए एडीजीपी ने कहा कि मृतक का आरोपी परिवार की लड़कियों से प्रेम सम्बंध थे। इससे आरोपी परिवार को एतराज था, क्योंकि उनका अलग समुदाय से ताल्लुक है। आरोपी परिवार ने मृतक युवक को घर बुलाकर मौत के घाट उतारते हुए अपराध को अंजाम दिया है। आरोपियों ने युवक के सिर पर बड़ी निर्ममता से वार किये गए, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसके टुकड़े किये गए। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया है। हत्याकांड में संलिप्त परिवार के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट से आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की जाएगी। भाजपा की इस घटना के तार आतंकवादियो से जोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। आरोपियों के पिछले आपराधिक रिकार्ड को भी खंगाला जा रहा है।
एडीजीपी ने कहा कि घटना के छह-सात दिन बाद इसे मुद्दा बनाया गया। भीड़ ने आज किहार थाने का घेराव किया। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की हुई। लोगों ने पथराव भी किया। एसडीपीओ की गाड़ी तोड़ डाली। इस भीड़ में कुछ राजनीतिक लोग भी हैं। इन्होंने भीड़ को उकसाया और आरोपियों के खाली मकानों में आग लगा दी गई। पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन उनकी तादाद ज्यादा थी। पुलिस और प्रशासन हालात पर निगरानी रखे हुए है। एसपी नूरपुर और उत्तरी क्षेत्र के डीआईजी दल-बल सहित घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। चम्बा के एसपी और डीसी ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और मृतक के परिवार को मुआवजा दिया गया।
उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री ने इस घटना को लेकर राज्य में कानून व्यवस्था की वर्चुअली समीक्षा की है। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जिलों में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया। खासकर जहां अल्पसंख्यक रह रहे हैं, उन इलाकों में विशेष सतर्कता बढ़ाने को कहा गया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो पाए।