युवा पीढी को सृजनात्मकता की ओर मोड़ने तथा लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से कहानी वाचन सत्र का आयोजन,,सेंट एडवर्ड स्कूल के छात्रों ने की म्यूजिकल बैंड की प्रस्तुती

शिमला ।भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा शनिवार को कहानी वाचन श्रृंखला में युवा पीढी को सृजनात्मकता की ओर मोड़ने तथा अपनी लोक संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से सप्ताहांत में स्कूली छात्रों के लिए ‘एक समय की बात है’ नामक शीर्षक के अंतर्गत ऐतिहासिक गेयटी थियेटर परिसर के सम्मेलन कक्ष में कहानी वाचन सत्र के आयोजन किया गया।
इस आयोजन में साहित्यकार अनुराग पराशर ने शिमला शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय लक्कड़ बाजार तथा राजकीय उच्च विद्यालय कृष्णानगर के छात्र-छात्राओं को अवसरवादिता, मोहक संस्कार, व्यवहारिक्ता नामक लघु लोककथाओं के माध्यम से कार्य करने में जल्दबाजी न करने तथा दूसरी लोक कथा में सामाजिक संस्कारों के महत्व, बड़ों के प्रति आदर भाव व उनका सम्मान करने लिए प्रेरित किया गया। तीसरी लोक कथा में सबके साथ अच्छा व्यवहार करने, समय का सदुपयोग करके रुचि अनुसार कार्य क्षेत्र चुनने व उसमें पारंगतता प्राप्त कर स्वयं को उस कार्य क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने पर बल दिया गया।
उन्होंने स्कूली पाठ्यक्रम के अतिरिक्त देश के प्रख्यात कहानीकारों की कहानियों व प्रेरक रचनाओं को पढ़ने तथा स्कूल से प्रकाशित होने वाली वार्षिक पत्रिकाओं में स्वरचित लेख और कविताओं को शिक्षकों के मार्गदर्शन में भेजने के लिए प्रेरित किया, जो बच्चों के लेखन के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
छात्रों ने अनुराग प्राशर द्वारा प्रस्तुत कहानियों से संबंधित प्रश्न के माध्यम से संवाद किया तथा लेखन कैसे शुरू किया जाए और स्वयं को अच्छा लेखक बनने के लिए किन बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए जैसी शंकाओं को दूर किया।
मुक्ताकाश मंच पर सेंट एडवर्ड स्कूल छात्रों ने म्यूजिकल बैंड की प्रस्तुतियों में दर्जनभर लोकगीतों, फिल्मी व देशभक्ति गीतों से सैंकड़ों दर्शकों व पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया जिसकी लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।
विभाग के निदेशक रीमा कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा हर सप्ताहांत में अन्य जिलों ऊना, सोलन, तथा बिलासपुर में भी ऐसे आयोजन करवाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी शिमला अनिल हारटा व सरोजना नरवाल, सांस्कृतिक आयोजक जसविंदर सिंह, भूपेश शर्मा, दोनों स्कूलों के अनुरक्षण शिक्षक, प्रशिक्षणरत बी.एड प्रशिक्षु भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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