हिमाचल में अगले वर्ष यूनिवर्सल कार्टन में बिकेगा सेब, बागवानी मंत्री के एलान

शिमला, 23 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश में अगले साल से सेब यूनिवर्सल कार्टन में बिकेगा। इस नियम को पूरी तरह लागू किया जाएगा। टेलीस्कोपिक कार्टन पर पूर्णतरू प्रतिबंध लगाकर इसे सेब की पैकिंग के प्रचलन से बाहर किया जाएगा। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को विधानसभा में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस साल सेब को किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया। इससे बागवानों को फायदा हुआ है। इस बार लोगों को ज्यादा रेट मिले हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल से बाहर भी सेब वजन में बेचने के लिए दूसरे राज्यों से पत्राचार किया जा रहा है। दूसरे राज्य यदि इसे लागू नहीं करते तो स्थानीय हाईकोर्ट में जाकर हिमाचल सरकार लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि वजन में सेब बिकने से बागवानों को फायदा हुआ है। बागवानों को प्रति पेटी 4000 रुपए तक के दाम मिले है।

जगत नेगी ने कहा ठियोग के विधयाक कुलदीप राठौर ने उन आरोपों को गलत बताया जिसमे राठौर ने कहा था कि इस बार सेब को वजन में बेचने का निर्णय सख्ती से लागू नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि सभी मंडियों में सेब वजन में बिका है। जिन आढ़तियों ने इन नियमों की अनदेखी की है, उन पर 22 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।

उन्होंने कहा कि एपीएमसी के साथ राजस्व विभाग के अधिकारी की भी इस निर्णय को लागू करने के लिए डयूटियां लगाई गई ताकि नियम को सख्ती सेलागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि शुरू में दिक्कत जरूर आई, क्योंकि आढ़ती इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन अब सेब वजन में बिकने से बागवान भी खुश है।

बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा कि कार्टन में अंतर बताया। उन्होंने कहा कि टेलीस्कोपिक कार्टन दो पीस में होते है। उसमें 30 से 35 किलो तक सेब भरा जा सकता है। आढ़ती चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा सेब भरा जाए। इसलिए सरकार ने प्रति पेटी 24 किलो की शर्त लगाई थी। अगले सीजन से अब यूनिवर्सल कार्टन लागू होगा। यह सिंगल पीस होता है। इसमें 23 किलो के आसपास सेब भरा जाएगा।

बागवानी मंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले जी-20 सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस पर 4 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ है। इसके आयोजन से सेब पैदा करने वाले राज्यों जिनमें हिमाचल के अलावा जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि सेब पर इंपोर्ट डयूटी जो पहले 75 प्रतिशत थी इसे केंद्र सरकार ने 50 फीसद किया। जी-20 सम्मेलन के बाद ऐसा सुनने में आ रहा है कि अब अमेरिका को स्पेशल स्टेटस दिया गया है। 15 फीसद यदि इंपोर्ट डयूटी लगाएंगे तो वाशिंगटन का सेब हिंदुस्तान में आएगा। सेब पैदा करने वाले राज्य तबाह हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब चुनावों के दौरान हमीरपुर में आए थे इंपोर्ट डयूटी बढाने की बात कही थी। अब इसके विरूद्ध हो गए हैं। सेब राज्यों के लिए यह बढ़ा नुकसान है।

इससे पहले ठियोग के विधायक कुलदीप राठौर ने यूनिवर्सल कार्टन लागू करने की मांग की। इससे बागवानों में भ्रम की स्थिति खत्म होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बार सेब को किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय लेकर ऐतिहासिक फैंसला लिया है। साथ ही 24 किलो की पैकिंग की शर्त भी लगाई गई, लेकिन यह निर्णय सख्ती से लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह मामला प्रदेश के हजारों बागवानों से जुड़ा है। सरकार को इस पर सख्त नियम बनाना चाहिए।

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