हिमाचल में नहीं बढ़ेगा बस किराया, कैशलैस सफर की सुविधा, कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते की सौेगात

शिमला, 17 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश में राज्य पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों के किराये में कोई वृद्धि नही होगी। निज़ी बस संचालक न्युनतम बस किराये को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके बस किराये में बढ़ोतरी नही की जायेगी। यात्रियों के साथ बसों में ले जा रहे सामान के किराए को भी नहीं बढ़ाया गया है, हालांकि बिना यात्री के बसों को कूरियर के रूप में इस्तेमाल करने वालों से किराया लिया जा रहा है। ये बात उप- मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को शिमला में एचआरटीसी की बीओडी की बैठक के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में कही है।

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी बसों को भी केसलैस सुविधा से जोड़ा जा रहा है, अब बसों में यात्रियों को स्कैन की सुविधा भी मिलेगी। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा की बीओडी की बैठक में एचआरटीसी कर्मचारियों के लिए तीन करोड़ रुपये महगाई भत्ते को जारी करने का निर्णय लिया गया है। दिवाली के आसपास कर्मचारियों व पेंशनरों को इसका एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। बीओडी में एचआरटीसी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के दौरान लीव इन कैशमेंट देने की भी मंजूरी दी गई है। 7 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि कर्मचारियों को लीव इन कैशमेंट के तहत जारी करने का फैसला लिया गया। अग्निहोत्री ने बताया कि बैठक में कंडक्टरों के 300 पद तुरंत भरने का भी निर्णय लिया गया है। यह पद लोकसेवा आयोग के माध्यम से भरे जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि अब एचआरटीसी कर्मियों की ट्रायबल एरिया में तीन साल से ज्यादा ड्यूटी नहीं ली जाएगी।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी की आय को बढ़ाने के लिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश के साथ देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों के लिए एअचारटीसी बसें चलाएगा। करीब 100 ऐसे रूट एचआरटीसी की ओर से चिन्हित किए जाएंगे। इनमें हरिद्वार, वृंदावन, अयोध्या, खाटू श्याम, ऋषिकेष, अमृतसर सहित कई धार्मिक स्थल शामिल किए जाएंगे। खाटू श्याम के लिए राजस्थान सरकार ने परिमट दे दिया है। इस तरह से अन्य राज्यों के साथ भी परमिट का आदान-प्रदान किया जाएगा। दर्शन योजना के तहत पहली बस सप्तमी को धर्मशाला से ज्वालामुखी चिंतपूर्णी और चिंतपूर्णी से ज्वालामुखी के लिए शुरू की जानी है।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी में ओपीएस को लागू किया जा रहा है। इससे निगम के 7000 हजार कर्मियों को लाभ मिलेगा। लगेज पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया है। ढाबों पर बेहतर खाना और अन्य सुविधाओं के लिए फूड कमेटी जांच करेगी।

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