शिमला, 27 दिसंबर। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के जेओए(आईटी) पेपर लीक मामले में पकड़ी गई महिला कर्मी के घर से जूनियर ऑडिटर और कम्प्यूटर ऑपरेटर के प्रश्नपत्र भी मिले हैं। कम्प्यूटर ऑपरेटर की परीक्षा 01 जनवरी को होना था, जबकि जूनियर ऑडिटर की परीक्षा की तारीख का अभी एलान नहीं हुआ है। इस तरह इन दो परीक्षाओं के पेपर भी लीक हुए हैं। इसे देखते हुए चयन आयोग के कामकाज को निलंबित किया गया है। आरोपी महिला के घर से छह लाख 40 हज़ार की धनराशि भी बरामद हुई है।
सुक्खू मंगलवार को शिमला में जेओए आईटी पेपर लीक मामले पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग की ओर से चल रही या होने वाली भर्तियों को फिलहाल रोक दिया। आगे की भर्ती परीक्षाएं कैसे पारदर्शिता से करवाई जाए, सरकार इस पर अध्ययन कर रही है और दो माह में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाओं में मेरिट को इग्नोर नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग के जेओए(आईटी) पेपर लीक मामले में एसआईटी जांच चल रही है। इस पूरे मामले में पिछली भाजपा सरकार की गलतियां रही है तथा इस सम्बंध में तमाम तथ्यों को जुटाया जा रहा है और आने वाले दिनों में सनसनीखेज़ खुलासे किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अगले 60 दिनों में भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाएगी और पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पूर्व भाजपा शासन में प्रश्नपत्र खुलेआम बिकते रहे, लेकिन सरकार आंखें मूंद कर बैठी रही और पेपर लीक करने वालों के हौंसले बढ़ गए। अगर पिछली सरकार ने उचित कदम उठाए होते, तो पेपर लीक नहीं होते। ऐसा करके भाजपा सरकार ने सूबे के 14 लाख युवाओं से धोखा किया है।
सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार भ्र्ष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से काम कर रही है। सीएम पद की शपथ लेने के अगले दिन 12 दिसंबर को एक बैठक बुलाकर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कहा था कि पेपर लीक के मामलों पर नजर रखें। पुलिस अधिकारियों ने जाल बिछाया और मामले को पकड़ा। सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस ने युवाओं को विश्वास जताया था कि जितने भी घोटाले नौकरियों से संबंधित हो रहे हैं उन्हें सामने लाया जाएगा।