नई दिल्ली, 24 दिसम्बर। देश में कोरोना के मामलों में एक बार फिर इजाफा हो रहा है. एक वक्त जब कोरोना के मामले बेहद कम हो गए थे तो हर किसी ने राहत की सांस ली थी। हालांकि कोरोना के नए वेरिएंट के आने के साथ ही कोविड-19 (Covid-19) के केसेज में इजाफा देखने को मिल रहा है, जिसने केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक की चिंताओं को बढ़ा दिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देश में कोविड-19 के कुल 656 मामले सामने आए हैं। साथ ही इस दौरान एक शख्स की मौत भी हो गई। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कोविड के नए वेरिएंट जेएन.1 तथा इन्फ्लूएंजा सहित श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों को देखते हुए निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने का आग्रह किया है।
देश में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या आज 3742 दर्ज की गई है. इनमें सर्वाधिक योगदान केरल का है। केरल में बीते 24 घंटे में 128 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद राज्य में कोरोना के एक्टिव मामलों की कुल संख्या 3000 तक पहुंच गई है. वहीं कर्नाटक में कुल एक्टिव मामले 271 हो गए हैं. यहां पर बीते 24 घंटे के दौरान कोविड संक्रमण के 96 नए मामले सामने आए हैं. वहीं कोरोना मामलों को लेकर तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है, जहां पर आज 35 नए मामले सामने हैं. इसके साथ ही यहां पर कुल सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है।
एम्स के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोविड का नया सब वेरिएंट गंभीर संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है. गुलेरिया ने कहा कि यह अधिक संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि यह अधिक संक्रमण का कारण बन रहा है लेकिन डेटा यह भी बताते हैं कि यह गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, सर्दी, गले में खराश, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल है.
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से कोविड-19 और इसके नए उप-स्वरूप जेएन.1 तथा इन्फ्लूएंजा सहित श्वसन रोगों के बढ़ते मामलों को देखते हुए निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने का आग्रह किया है. डब्ल्यूएचओ ने लोगों से भी ऐहतियाती कदम उठाने की अपील की है. डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, “कोविड-19 वायरस विश्व स्तर पर सभी देशों में फैलता, परिवर्तित और प्रसारित होता रहता है. वर्तमान साक्ष्य से पता चलता है कि जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम कम है. इसके विकास के अनुसार हमें अपनी प्रतिक्रिया तय करनी चाहिए और लगातार नजर रखनी चाहिए।”