हिमाचल में लोकसभा व 6 विधानसभा उप चुनाव में जनबल की जीत और धनबल की हार होगी। कोटखाई क्षेत्र के दरकोटी(गाजटा), निहारी, नगर पंचायत कोटखाई व हुल्ली में आयोजित बैठकों में शिक्षा मंत्री व शिमला लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी रोहित ठाकुर ने अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों के चलते सेब बाग़वानी पर ख़तरे के बादल मंडरा रहें हैं। रोहित ठाकुर ने कहा कि 2014 में भाजपा ने सेब पर आयात शुल्क को 100% करने की बात की थी इसके विपरीत इसे पहले घटाकर पहले 50% प्रतिशत किया फ़िर घटाकर 35% कर दिया। आज 44 देशों से सस्ते दामों पर सेब आयात हो रहा हैं जिससे CA स्टोर में रखे सेब की क़ीमत में भारी गिरावट हुई हैं। उन्होंने कहा कि सांसद सुरेश कश्यप के पिछले पाँच वर्षो में दर्शन दुर्लभ रहे। लोगों को उम्मीद थी कि आपदा में सांसद शिमला लोकसभा में हुए नुकसान का केंद्र से मुद्दा उठाएंगे लेक़िन लोगों को सांसद से केवल निराशा ही हाथ लगी। कोटखाई क्षेत्र में 36 पंचायतों को सांसद निधि से फूटी कौड़ी तक नहीं मिली।
रोहित ठाकुर ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2022 तक किसानों-बाग़वानों की आय दोगुना करने का वचन दिया था जबकि गत 10 वर्षों के कार्यकाल में कृषि- बाग़वानी पर लागत दोगुनी हो गई हैं और फ़सल के दस साल पुराने दाम मिल रहे हैं।उन्होंने कहा कि रोटी कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं जनता का अधिकार हैं लेकिन मौजूदा सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते मंहगाई दर 15 वर्षो के सर्वाधिक स्तर पर जबकि बेरोजगारी 45 वर्ष के सर्वोत्तम स्तर पर पहुँच गई हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में पिछले वर्ष आई आपदा से लगभग ₹12000 करोड़ का नुक़सान उठाना पड़ा। केंद्र की भाजपा सरकार ने सहयोग करने के बजाए प्रदेश को जीएसटी व अन्य मिलने वालें वित्तिय लाभ रोक दिए।
रोहित ठाकुर ने कहा कि MIS के तहत बाग़वानों को ₹98 करोड़ की राशि दी जा चुकी हैं शेष राशि को जारी करने की मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखु ने स्वीकृति दे दी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने MIS से मिलने वालें ₹1500 करोड़ का बजट मात्र 1 लाख रुपए टोकन बजट कर दिया हैं जिससे भाजपा का बाग़वानी विरोधी चेहरा सामने आया हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के रूप में शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जुब्बल-नावर-कोटखाई को जिम्मेदारी मिली हैं उससे क्षेत्र की जनता को प्रदेश में मान-सम्मान मिला हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार जनता के प्रति अपनी वचनबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं और गत एक वर्ष के छोटे से कार्यकाल में क्षेत्र में विकास को गति मिली हैं। उन्होंने कहा कि जुब्बल-नावर-कोटखाई में ढाँचागत विकास को और गति देने के लिए सड़कों व भवन निर्माण के लिए ₹450 करोड़ से अधिक धनराशि स्वीकृत करवाई गई और साथ ही दो वर्ष में 66 सड़कों की पासिंग की गई हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षो से जुब्बल-नावर-कोटखाई में लंबित पड़े स्वास्थ्य व शिक्षण संस्थानों के भवन निर्माण कार्य को शुरू करवाया। उन्होंने कहा कि कृषि-बाग़वानी क्षेत्र को मज़बूत बनाने के लिए नीतिगत निर्णय लिए गए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जुब्बल-नावर-कोटखाई में CA स्टोर खुलने जा रहें हैं जिससे बाग़वानी के क्षेत्र को मज़बूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि सेब की बिक्री किलोग्राम से करने, MIS के तहत सेब के समर्थन मूल्य में ₹1.50 की वृद्धि, दवाइयों पर सब्सिडी योजना बहाल, आपदा प्रभवितों को राहत नियमावली में संशोधन करने जैसे ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सर्वाधिक सड़कों का घनत्व जुब्बल-नावर-कोटखाई में हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा से सबसे अधिक नुकसान सड़कों को हुआ हैं लेक़िन इसके बावजूद भी कांग्रेस सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते सड़कों को युद्धस्तर पर बहाल किया गया जिससे बाग़वानों का सेब का एक-2 दाना मंडी तक पहुँच सका। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई दशकों से राहत नियमावली में प्रभावितों को नाममात्र राहत राशि मिलती थी, कांग्रेस सरकार ने नियमावली में संशोधन कर राहत राशि में ऐतिहासिक वृद्धि करते हुए आधिकतम भरपाई को 1 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया हैं।
उन्होंने कि देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए जनता एक जुट होकर भाजपा को हराएगी।
शिमला लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने सुरेश कश्यप को घेरते हुए कहा कि जनता ने क्षेत्र की आवाज़ उठाने के लिए संसद भेजा था इसके विपरीत सांसद संसद की 35 बैठकों में नदारद रहें। उन्होंने कहा कि सेब पर आयात शुल्क, क्षेत्र के मुद्दों को मज़बूती से संसद में उठाया जाएगा।
हुल्ली में चौपाल विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी व कांग्रेस के संगठन महासचिव रजनीश कीमटा ने कहा कि शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप का कार्यकाल निराशाजनक रहा हैं और केंद्र की जनविरोधी नीतियों के चलते जनता का भाजपा के खिलाफ़ भारी आक्रोश हैं।