शिमला, 18 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शनिवार को हिमाचल राजभवन में पद की शपथ ली।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, अन्य कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में हिमाचल उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना ने शपथ दिलाई। शिव प्रताप शुक्ल ने संस्कृत में शपथ ली। वह हिमाचल के 29वें राज्यपाल बने हैं। उनसे पहले राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर यह पद संभाल रहे थे। वह 19 महीनों तक इस पद पर बने रहे। आर्लेकर को अब बिहार का नया राज्यपाल बनाया गया है।
शिव प्रताप शुक्ल की गिनती भाजपा के कद्दावर नेताओं में होती है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें वित्त राज्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया था। पहली बार राज्यपाल बने शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के मूल निवासी हैं।
बोले नशे और टीबी के उन्मूलन के लिए करेंगे काम
हवाई यात्रा के बजाए सड़क से सफर को देंगे तरजीह जानेंगे लोगों की समस्याएं
शपथ के बाद शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि देव भूमि में उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति का इसके लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि पूर्व के राज्यपालों द्वारा चलाए गए योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया जायेगा। प्रदेश में नशे को रोकने के लिए काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री के टीबी के उन्मूलन के लिए काम किया जाएगा। पीएम की योजना स्किल डेवलपमेंट के लिए काम किया जाएगा,बैंक इसके लिए युवाओं को ऋण देते हैं। राज्यपाल ने प्रदेश में फरवरी महीने में ही बढ़ते तापमान पर चिंता जाहिर की और कहा कि गोरखपुर व शिमला के मोसम में कोई ज्यादा फर्क नही है यह बर्फ न पड़ने के कारण हुआ है। वृक्षारोपण पर ध्यान दिया जाएगा। अधिकांश यात्रा सड़क मार्ग से करूंगा ताकि लोगों की समस्या को जान कर उन्हे सरकार के ध्यान में लाया जा सके।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का जीवन-परिचय
शिव प्रताप शुक्ल का जन्म गोरखपुर जनपद के ग्राम रूद्रपुर पोस्ट- खजनी में 1 अप्रैल 1952 को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम-रूद्रपुर खजनी में हुई एवं कक्षा 9 से विधि स्नातक की शिक्षा गोरखपुर में हुई। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री के रूप में कार्य प्रारम्भ किया। वह राजनैतिक रूप से 1983 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुये। वर्ष 1989 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में गोरखपुर नगर विधानसभा क्षेत्र से प्रथम बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए।
इसके उपरान्त, वर्ष 1991 में पुनः निर्वाचित हुये एवं उत्तर प्रदेश की पहली भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार में बेसिक शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा एवं भाषा विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का कार्यभार संभाला। उन्होंने उद्यान विभाग, खेलकूद, युवा कल्याण एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का दायित्व का निवर्हन भी किया।
वर्ष 1993 में पुनः विधानसभा के लिये निर्वाचित हुये। वर्ष 1996 में चौथी बार विधानसभा के लिये निर्वाचित होने के पश्चात् कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्त, राजनाथ सिंह की सरकार में कारागार विधि एवं न्याय एवं ग्राम्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का सफलता पूर्वक निवर्हन किया। इसके उपरान्त, 10 जून, 2016 को उत्तर प्रदेश के राज्यसभा के सदस्य के लिये निर्वाचित हुये। 3 सितम्बर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में वित्त राज्यमंत्री, भारत सरकार का दायित्व संभाला। 4 जुलाई, 2022 तक राज्यसभा सदस्य के रूप में उन्होंने अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निवर्हन किया।