हिमाचल में धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को नई दिशा देगा ‘माता श्री चिंतपूर्णी महोत्सव

ऊना। हिमाचल की पावन धरा, जहां कण-कण में भक्ति और आस्था की गूंज रची-बसी है, अब एक नई परंपरा की साक्षी बनने जा रही है। इस देवभूमि की पवित्रता और आध्यात्मिकता का अनुभव जन-जन तक पहुंचाने और प्रदेश में धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार ने ‘माता श्री चिंतपूर्णी महोत्सव’ का आयोजन करने का निर्णय लिया है। 14 से 16 सितंबर तक ऊना जिले के अंब में आयोजित होने जा रहा यह महोत्सव केवल एक उत्सव मात्र नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति, और समृद्धि का एक महाकुंभ होगा।माता श्री चिंतपूर्णी जी, जिन्होंने अनादि काल से अपने भक्तों की चिंताओं का निवारण किया है, अब इस महोत्सव के माध्यम से एक नया और अद्वितीय अनुभव प्रदान करने वाली हैं। इस तीन दिवसीय महोत्सव में धर्म, संस्कृति, और मनोरंजन का ऐसा अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा, जो श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार अनुभव बनेगा। यह आयोजन हिमाचल की धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि को वैश्विक मंच पर लाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा और साथ ही यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति देने में सहायक सिद्ध होगा।14 सितंबर को शोभायात्रा से शुभारंभमहोत्सव की शुरुआत 14 सितंबर को माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर से एक भव्य शोभायात्रा के साथ होगी, जो एसडीएम कार्यालय अंब तक जाएगी। यह शोभायात्रा एक अलौकिक अनुभव होगा, जहां हर कोई धर्म और श्रद्धा के भावों से सराबोर होकर माता की कृपा का अनुभव करेगासांस्कृतिक संध्याएं और खेल प्रतियोगिताएंइस महोत्सव में आयोजित सांस्कृतिक संध्याएं, खेल प्रतियोगिताएं, और अन्य गतिविधियां हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करेंगी। सांस्कृतिक संध्याओं के लिए 2 से 4 सितंबर तक अंब कॉलेज में कलाकारों के ऑडिशन लिए जाएंगे, जिससे प्रदेश के प्रतिभाशाली कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे। महोत्सव में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जो सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेंगे। इसके अलावा मेला मैदान अंब में सजने वाला बाजार और बच्चों के मनोरंजन के लिए लगने वाले झूले तथा अन्य साजोसामान इसके आकर्षण को चार चांद लगाएंगे।महोत्सव की स्मृतियों का संकलनइस महोत्सव की यादों को अमर बनाने के लिए एक विशेष स्मारिका का प्रकाशन भी किया जाएगा। इसमें माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर के इतिहास के साथ-साथ ऊना जिले की समृद्ध परंपराओं, धरोहरों, और साहित्यिक विरासत पर आधारित लेख प्रकाशित किए जाएंगे। इच्छुक व्यक्ति अपने लेख 7 सितंबर तक ईमेल shrichintpurnimahotsav2024@gmail.com पर भेज सकते हैं।सीएम और डिप्टी सीएम का विजनमुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री, जो भाषा, कला, और संस्कृति मंत्रालय का भी दायित्व संभाल रहे हैं, ने ‘माता श्री चिंतपूर्णी महोत्सव’ की परिकल्पना को साकार करने का बीड़ा उठाया है। उनका यह विजन न केवल राज्य में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाला साबित होगा, बल्कि हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर को भी एक नई पहचान दिलाएगा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए करीब 250 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण निवेश कर रही है, जिससे इस पवित्र स्थल की भव्यता और भी निखरेगी।धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में मील का पत्थरजिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के इस विजन को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तत्परता से कार्य किया है। उपायुक्त जतिन लाल की अगुवाई में पूरा प्रशासनिक अमला इस महोत्सव के सफलतम आयोजन के लिए पूरी प्रतिबद्धता से जुटा हुआ है, ताकि यह महोत्सव प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सके।

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