शिमला, 10 अप्रैल। संसाधनों की कमी के कारण उच्च और व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ विद्यार्थियों का सपना प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पूरा करेगी। इसमें सहायक बनेगी सरकार की नवोन्मेषी एवं महत्वकांक्षी ‘मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना’।
दरअसल राज्य सरकार द्वारा गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2023-24 में गरीब विद्यार्थियों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के तहत 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अंतर्गत 3 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर वित्तीय संस्थानों या बैंकों के माध्यम से शिक्षा ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत सहभागी वित्तीय संस्थानों और बैंकों से विद्यार्थी यह ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इससे उन्हें ट्यूशन फीस, आवास, किताबें एवं शिक्षा से जुड़े अन्य संबद्ध खर्च वहन करने में सहायता मिलेगी।
इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, पीएचडी, आईटीआई के पाठ्यक्रम, पॉलिटेक्निक, बी-फार्मेसी, नर्सिंग, जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी (जीएनएम) सहित कई व्यवसायिक पाठ्यक्रम इस योजना में शामिल होंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय संसाधनों के अभाव में राज्य में कोई भी गरीब बच्चा उच्च और व्यवसायिक शिक्षा से वंचित न रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक प्रतिशत ब्याज दर सिर्फ उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए है, ताकि विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित हों। राज्य सरकार का संकल्प है कि धन की कमी के कारण कोई भी विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि योजना को अंतिम रूप देने के लिए शिक्षा विभाग प्रयासरत है।
उनका कहना है कि इस योजना के माध्मय से गरीब विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच और उनकी क्षमता का सही उपयोग सुनिश्चित होगा तथा इससे उनकी आकांक्षाओं को पूर्ण करने में भी मदद मिलेगी।