शिमला.. हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य आउटसोर्स यूनियन के अध्यक्ष कमल जीत डोगरा ने मुख्यमंत्री के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति में बदलाव संबंधी बयान को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस नीति में बदलाव करने जा रही है, क्योंकि अभी तक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई ठोस नीति बनी ही नहीं है।
डोगरा ने कहा कि सरकार ने बिचौलियों को हटाने का वादा किया था, लेकिन अब एचपीएसइडीसी
के माध्यम से भर्तियां की जा रही हैं, जो स्वयं आउटसोर्स एजेंसियों के जरिए कर्मचारियों की भर्ती करता है। इससे वेतन भुगतान में देरी होती है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि भर्ती एजेंसियों के माध्यम से ही होनी है तो एचपीएसइडीसी की क्या आवश्यकता है?
उन्होंने बजट को भी निराशाजनक बताया और कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई, जिससे उन्हें निराशा हाथ लगी है। सरकार सत्ता में आने से पहले बड़े वादे कर रही थी, लेकिन अब आउटसोर्स कर्मियों की अनदेखी कर रही है।
डोगरा ने सरकार पर बेरोजगार युवाओं को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से रोजगार तो दिया जा रहा है, लेकिन स्थायी नीति नहीं बनाई जा रही, जिससे कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार व्यवस्थाओं को सुधारने की बजाय केवल पूर्व सरकार की आलोचना करने में लगी हुई है।उन्होंने चेतावनी दी कि आउटसोर्स कर्मियों के हितों की अनदेखी जारी रही तो यूनियन अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।